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गर्भाशय की दुर्बलता,garbhasya ki kamjori,bachedani ki kamjori

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(गर्भाशय की दुर्बलता,garbhasya ki kamjori,bachedani ki kamjori) रोग परिचय-पोषण के अभाव में गर्भाशय से दुर्बल हो जाता है और इसकी कार्य क्षमता घट जाती है, जिसके फलस्वरूप मासिक भी कम आता हैतथा गर्भ ठहरने को सम्भावनाएं भी कम हो जाती हैं। इस रोग का कारण जन्म से ही गर्भाशय में विकृति, पोषण का पूर्ण अभाव, हर समय उदासीनता और मनोमालिन्य के कारण शरीर सूखकर काँटा हो जाने, बहुत अधिक समय तक सम्भोग क्रिया से वंचित रहने के कारण गर्भाशय में उत्तेजना का अभाव होने, अत्यधिक चिन्ता तथा बाल्यावस्था में विवाह होने से गर्भाशय कमजोर हो जाता है। उपचार-रोगिणी को हर प्रकार से खुश रखें। पौष्टिक और सुमधुर स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ खिलायें। दुख चिन्ता, क्रोध से बचायें। सुख प्रदान करने वाले खेल, मनोरंजन तथा विभिन्न प्रकार के आमोद-प्रमोद में व्यस्त रखें । • मूसली पाक 1 तोला और अश्वगन्धादि चूर्ण 2 माशा एक साथ गाय के गरम दूध से सुबह-शाम सेवन कराना अत्यधिक लाभप्रद है। अतिबला, मुलहठी, बरगद की जटा, खिरैटी, मिश्री तथा नागकेशर प्रत्येक को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें फिर इसे 3 माशा की मात्रा में 6 माशा मधु और...