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गर्भाशय की रसूली,fibrosis,rasoli

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(गर्भाशय की रसूली,fibrosis,rasoli) रोग परिचय-वैसे शरीर के प्रत्येक भाग में रसूली हो सकती है अ रसूलियाँ भी विभिन्न प्रकार की होती हैं। गर्भाशय की रसूलियां तन्तुओं (रेशों) युक्त हुआ करती हैं। कई में चर्बी जैसा पदार्थ और कई में अण्डे की सफेदी जैसा लेसदार स्राव होता है। कई रसूलियों में पीले रंग का गाढ़ा स्त्राव होता है। कई रसूलियाँ लाल रंग की होती है जिसमें पेशाब जैसा खट्टा पदार्थ होता है। जिनकी संरचना स्पंज जैसी होती है और बहुत छोटी होती है, उनको डाक्टरी में पोलीवी (Polypi) कहा जाता है। इनसे रक्त भी आ सकता है। यह रोग रक्त के गाढ़ा हो जाने, उपदंश-दोष, कफ-विकार आदि कारणों से हो जाया करता है। इसके कारण बांझपन और गर्भपात का रोग भी हो जाता है। इस रोग का साधारण लक्षण मासिक बन्द हो जांना या अनियमित रूप से आना है। इस रोग के कारण स्वी को रक्त अल्पता और श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) का रोग हो जाता है। ल्यूकोरिया स्वयं में कोई स्वतंत्र रोग नहीं है बल्कि विभिन्न रोगों के फलस्वरूप हो जाया करता है। अतः ल्यूकोरिया की उचित चिकित्सा भी यही है कि रोग के मूल कारण को ही दूर किया जाये। जो. वैद्य ल्यूको...