लकवा,अधरंग,परालिसिस, पक्षाघात (Paralysis)
( लकवा,अधरंग,परालिसिस, पक्षाघात (Paralysis) रोग परिचय- इसका आक्रमण सहसा एकाएक होता है। इस रोग में शरीर का आधा भाग बेकार हो जाता है तथा सिर से पैर तक एक तरफ का भाग रोगी अपनी इच्छा से हिला-डुला नहीं सकता है। उपचार • सन के बीजों को लेकर उनका बारीक चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें । इसे 15 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम शहद मिलाकर 21 दिन सेवन करने से पक्षाघात में लाभ होता है। • भांग एवं काली मिर्च को बराबर-बराबर लेकर बारीक चूर्ण कर लें। इसे 1-1 ग्राम की मात्रा में गो दुग्ध से प्रत्येक 12-12 घन्टे पर रोगी को सुबह-शाम कम से कम 21 या 41 दिनों तक प्रयोग करने से पक्षाघात में लाभ हो जाता है। • वेतवा सोंठ तथा बच दोनों को बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण कर सुरक्षित रख लें। इसे सुबह-शाम 10-10 ग्राम की मात्रा में मधु के साथ रोगी को चटाने से पक्षाघात में लाभ होता है। • मुलहठी, सफेद जीरा, हल्दी, बच, रास्ना, सौंठ, पीपल, अजमोंद व सेंधा नमक प्रत्येक 20-20 ग्राम एकत्र कर सभी का बारीक चूर्ण कर कपड़छन कर 21 पुड़िया बना लें। सुबह-शाम पुड़िया घी में चाट कर ऊपर से भ...