आँव, पेचिश,दस्त, टॉयलेट में खून आना
(आँव, पेचिश,दस्त, टॉयलेट में खून आना) रोग परिचय आँतों और मलाशय में ऐंठन उत्पन्न होती रहती है तथा पीड़ा भी होती है। मल उतरने में कष्ट होता है जोर लगाने पर सफेद आँव निकलती है, रोगी को रक्त भी आता है। आँव में रक्त मिला हुआ भी निकलता है। रोगी बेचैन रहता है। उपचार • जरा सी हींग को दही में लपेटकर प्रयोग करें। • प्याज 60 ग्राम को छीलकर महीन कूट लें और उसे 5-6 बार जल से धोकर 240 ग्राम गाय के ताजा दही के साथ खायें, यह 1 खुराक है। दोपहर और शाम को ऐसी खुराकें लें। 2-3 दिन में रोग जड़मूल से नष्ट हो जाता है। • राल 20 ग्राम लेकर बारीक कूट-पीसकर कपड़छन कर लें। इसकी 3 पुड़ियां बना लें। प्रतिदिन 1 पुड़िया 100 ग्राम दही में चीनी मिलाकर रोगी को सेवन करायें । केवल तीन दिन में पूर्ण आराम हो जायेगा ।• काकड़ा सिंगी 10 ग्राम को कूट-पीसकर शीशी में भरकर सुरक्षित रख लें। इसे 1 से 2 ग्राम की मात्रा में 4-4 घंटे के अन्तराल से दही में मिलाकर सेवन करने से एक ही दिन में लाभ हो जाता है। • राल 25 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम दोनों को कूट-पीसकर कपड़छन कर सुरक...