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पाला मारना, हिमदाह,swelling in winter, sardi se hone wali soojan ka ilaj

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पाला मारना, हिमदाह,swelling in winter, sardi se hone wali soojan ka ilaj सर्दी लगने के कारण शरीर के कोई अंग-विशेष रूप से अंगुलियाँ और कान पहले लाल हो जाते हैं फिर उनमें पीड़ा होती है और बाद में वे अंग सुत्र हो जाते हैं, क्योंकि अधिक समय तक सर्दी लगने से रक्त संचार में दोष आ जाता है। सर्दी लगने से चर्म का रंग पीला या नीला पड़ जाता है। सारे शरीर में कम्पन उत्पन्न हो जाता है. आवाज में थरथराहट उत्पन्न हो जाती है, चेतना मन्द कर तन्द्रा जैसी दशा हो जाती है। पसलियों में जकड़न सी प्रतीत होती है। हाथ-पैर चलाना, उठना-बैठना यहाँ तक कि करवट बदलना तक कठिन हो जाता है। कई बार बहुत अधिक सर्दी लग जाने के कारण मृत्यु भी हो जाती है। इस रोग में जिस अंग पर सर्दी का प्रभाव होता है उसमें रक्त जमने से पहले लाली पैदा हो जाती है, फिर उसमें प्रदाह उत्पन्न होकर दर्द होने लगता है। (यदि उस अंग में रक्त जमने लगे तो संज्ञाहीनता (सुत्रता) उत्पन्न होकर वह अंग सड़ने लगता है। मांसपेशियाँ ऐंठ जाती है, त्वचा सिकुड़कर बेकार हो जाती है तथा सांस कठिनाई से आती-जाती है। उपचार- जिन लोगों को बहुत शीघ्र सर्दी का प्रभाव...

जम-जूं या लीखें, जुऐं, डींगर,head lice,ju,housing,deengar ka ilaj

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जम-जूं या लीखें, जुऐं, डींगर,head lice,ju,housing,deengar ka ilaj रोग परिचय-इन्हें अंग्रेजी में 'लाइस' या 'पेडिकुलोसिस' के नाम से जाना जाता है। बालों को गन्दा रखने (नित्य प्रति धो पोंछकर स्वच्छ न रखने तथा उनमें कंघी न करेने) उत्तम क्वालिटी का तैल प्रयोग न करने आदि कारणों से तथा जुओं वाले व्यक्ति के सम्पर्क (पास में लेटने-बैठने से) या उसके व्यवहार में आए हुए वस्त्रों के प्रयोग करने से या उससे सिर को पोंछने से बालों में जुऐं और उसके अण्डे पैदा हो जाते हैं। यही जब बालों से झड़कर वस्व या शरीर के अन्य भाग की त्वचा पर अपना निवास बना लेती है तो उसको (चीलर) के नाम से जाना जाता है। उपचार • सरसों के तैल 20 ग्राम में 25 ग्राम नीबू का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार मालिश करने से जम-जूं नष्ट हो जाती हैं। • नारियल का तैल 50 मि.ली., 1 ग्राम, कपूर और 1 ग्राम एक्सटेक्ट मार्गोसा (नीम का सत्व) को आपस में खूब भली प्रकार मिलाकर दिन में 3 बार जड़ वाली त्वचा पर लगाकर कपड़े से बाँध दें। दस घंटे बाद किसी उत्तम शैम्पू से सिर को धोकर सुखालें, फिर कंधी करके मरी हुई जुऐ निकाल लें । • बालों औ...

भूसी सिर की खुश्की (Dandruff)walon ki sikri sir ki khuski

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भूसी सिर की खुश्की (Dandruff)walon ki sikri sir ki khuski रोग परिचय- पोषक तत्वों की कमी- विशेषतः स्निग्ध आहार का अभाव अथवा सिर के बालों में बहुत अधिक दिनों तक तैल मालिश न करने से और अल्कोहल मिश्रित या मिलावटी सस्ते किस्म के बाजारू तैल का अधिकता से प्रयोग करने, वृद्धावस्था आदि कारणों से सिर की त्वचा में शुष्कता उत्पन्न होकर भूसी निकलने लगती है। जिससे आयः सभी परिचित हैं। उपचार • भृंगराज तैल को सिर के बाल और उसकी त्वचा पर दिन में 2 बार मालिश करने से भूसी (रूसी) निकलना, बाल झड़ना, बाल सफेद होना, सिर में छोटी-छोटी फुन्सियों होना इत्यादि रोग नष्ट हो जाते हैं। • नीबू का रस निकाल कर गरम पानी में मिलाकर सिर में डालकर मलें इस प्रयोग को प्रतिदिन 2-4 दिन करने से खुश्की या रूसी हट जाएगी और बाल कोमल हो जायेंगे । • जात्यादि तैल (शारंगधर संहिता) शैम्पू से बालों को धोकर व सुखाकर बालों की जड़ों व त्वचा पर मलें। लाभप्रद है। निर्माता (वैद्यनाथ) • महा भृंगराज तैल (भैषज्य रत्नावली) इसे दिन में 2 बार बालों की जड़ों व त्वचा में मलना भी अत्यधिक लाभकारी है। • हिमसागर तैल (भैषज्य रत्ना.) इसे दिन में ...

इन्द्रलुप्त, गंजापन,bladness,ganjapan,baal jhadna

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इन्द्रलुप्त, गंजापन,bladness,gajanand,baal jhadna रोग परिचय- बालों में पोषक तत्वों का अभाव, बुढ़ापा, वंशानुगत असर, और विषैले द्रव्यों आदि के प्रभाव से सिर के बाल झड़-झड़ कर गिरने लग जाते हैं। कुछ ही समय में सिर गंजा हो जाता है। इस रोग के फलस्वरूप सिर की सुन्दरता नष्ट हो जाती है तथा सिर में किसी पदार्थ से चोट लगने पर बालों के अभाव में तीव्र पीड़ा होती है अथवा फटकर खून बहने लगता है। उपचार • बालों को प्रतिदिन स्वच्छ जल से धोवें फिर सुखाकर शुद्ध नारियल तैल को बालों की जड़ों में मलना लाभप्रद है। • कैन्थराइडिन हेयर आयल (बाजार में इसी नाम से उपलब्ध) को गंज पर लगाकर मलना भी लाभप्रद है।बालों को साबुन से न धोकर काली मिट्टी अथवा रीठा से धोवें । कोई.. तैल बालों को सुखाने के बाद उनकी जड़ों में मालिश करना लाभप्रद है। गंजे स्थान पर हाथी के दाँत को कागजी नीबू के रस में घिसकर लेप बना कर लगाकर मलना भी गुणकारी है।৪৫৪-৪ • 5 से 10 वर्ष पुराने आम के अचार का तैल निधारकर शीशी में भरलें। इस तैल को रात्रि में सिर में मालिश करें। तदुपरान्त जिलेटीन कागज रखकर ऊपर से कपड़ा बाँध लें। रातभर यह कपड़ा बँधा ...