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त्वक शोथ (Dermatitis)dawaiyon ke side effect se ayi soojan ka ilaj

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त्वक शोथ (Dermatitis)dawaiyon ke side effect se ayi soojan ka ilaj  रोग परिचय-रासायनिक पदार्थों के संस्पर्श से योषापस्मार, पैलाग्रा, पादप, स्त्रियों के मासिक धर्म के कष्ट तथा विविध औषधियों की प्रतिक्रिया तथा सर्वांग शोथ, शीतपित्त आदि के कारण त्वचा पर सूजन हो जाना ही त्वक शोथ के नाम से जाना जाता है। इस सूजन में जलन, खुजलाहट और लालिमा प्रतीत होती है तथा रोगी का मन उद्विग्न और बेचैन रहता है। उपचार नीम की अन्तरछाल, चिरायता के पत्ते, परवल के पत्ते, खस, इन्द्रायण, पित्तपापड़ा, नागरमोथा, अडूसा के पत्ते, मुलहठी और त्रिफला प्रत्येक 2-2 ग्राम कूटकर सभी का क्वाथ बनाकर 30 मि.ली.की मात्रा में छानकर व शीतल कर ऐसी 1-1 मात्रा सुबह-शाम पियें। हर योग प्रत्येक प्रकार की चर्मशोथ को नष्ट कर देता है। • सारिवाद्यारिष्ट (भै. रत्नावली) 15-30 मि.ली. की मात्रा में समान जल मिलाकर भोजनोपरान्त दिन में 2 बार पीना लाभप्रद है। • चोपचिन्यादि चूर्ण (आर्य भिषक्) 3 ग्राम खाकर ऊपर से महामन्जिष्ठादि काढ़ा 15 से 30 मि.ली. बराबर जल मिलाकर सुबह-शाम सेवन करना अति उपयोगी है। व्याधि हरण रसायन (वसव राजीयम) 125 मि.ग...