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मासिक धर्म,ब्लड पीरियड रक्त प्रदर (Menorrhoea)

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      मासिक धर्म,ब्लड पीरियड रक्त प्रदर (Menorrhoea) ( मासिक धर्म,ब्लड पीरियड   रक्त प्रदर (Menorrhoea) रोग परिचय-रक्तप्रदर मासिकधर्म (माहवारी) में आने वाले रक्त की अधिकता को कहा जाता है। इसमें रोगी स्वी की दुर्बलता, हीनता आदि विकार रहते हैं। इसे अति आर्तव (मासिकधर्म की अधिकता) के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में मासिकधर्म बहुत अधिक मात्रा में तथा कभी-कभी नियत दिनों से बहुत अधिक दिन तक आता रहता है।इस रोग का कारण गर्भाशय-शोध, गर्भाशय का झुक और टल जाना, गर्भाशय के घाव और अर्श, डिम्ब-ग्रन्थियों और डिम्ब प्रणालियों की शोथ, गर्भाशय की कमजोरी, प्रसव के बाद गर्भाशय का पूरी तरह से सिकुड़ कर अपनी वास्तविक दशा पर वापस न आना, गर्भाशय का कैन्सर, अत्यधिक मैथुन, गर्भपात, अधिक सन्तान उत्पन्न करने के बाद गर्भाशय का ढीला पड़ जाना, रसौली, चोट लग जाना या बच्चा कठिनाई से उत्पन्न होने के कारण गर्भाशय की शिराओं का फट जाना, रक्त संचार में गड़बड़ी करने वाले रोग (हाई ब्लड प्रेशर, हृदय गति का कम हो जाना, हृदय कपाटों के रोग, यकृत रोग इत्यादि), ग्लैन्डज और डिम्व ग्रन्थियों ...