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मासिकधर्म दर्द से आना, कष्टार्तव,period pain,masik daram ka dard

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मासिकधर्म दर्द से आना, कष्टार्तव,period pain,masik daram ka dard • गाजर के बीज, एलुआ, अमरबेल प्रत्येक 10 ग्राम, सौंठ, अतीस और केशर, मोंगरा प्रत्येक 5 ग्राम लें। सबको एकत्र सूक्ष्म पीसकर कपड़छन कर तिलोंके जल से (12 घंटे पूर्व काले तिलों को जल में भिगोय रखें) 125 मि.ग्रा. की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रख लें। यह 1-1 गोली सुबह-शाम खाकर ऊपर से तिलों का जल 15 मि.ली. पियें। अत्यन्त लाभप्रद योग है। • तिल, सहजन, कपास तथा ब्रह्मदन्डी की जड़ की छाल, मुलहठी, पिप्पली, काली मिर्च, सौठ प्रत्येक 100 ग्राम लें। सभी को एकत्र कर बारीक पीसकर (चूर्ण बनाकर) सुरक्षित रखें। यह चूर्ण दिन में 2 से 3 ग्राम तक की मात्रा में 2 बार गरम चाय के साथ सेवन करने से दर्द तथा रजोरोध दोनों दूर हो जाते हैं। • कलौंजी, काले तिल और सपिस्तां समभाग लेकर जल में काढ़ा बनायें। 30 मि.ली. की मात्रा में यह काढ़ा 3 ग्राम गुड़ के साथ प्रयोग करने से पीड़ा और कुच्छार्तव दूर हो जाता है। • रेशमी कपड़े को जलाकर भस्म बनाकर सुरक्षित रखलें। इसे 2 से 5. ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ खिलाने से कष्टार्तव तत्काल शान्त हो जाता है।

कष्टार्तव, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना,period pain,masik dharam mein dard hona

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(कष्टार्तव, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना,period pain,masik dharam mein dard hona) रोग परिचय- इस रोग (डिसमेनोरिया) में स्त्रियों को मासिकधर्म आने से 1-2 दिन पूर्व और आने के समय गर्भाशय पेडू और कमर में दर्द हुआ करता है। इसी स्थिति में रोगिणी को मासिक कम या अधिक मात्रा में भी आ सकता है। अनिद्रा, सिरदर्द और बेचैनी इत्यादि लक्षण पाये जाते हैं। नोट-जब जवान लड़कियों को प्रथम बार मासिक धर्म आता है तो भीतरी जननेन्द्रियों की ओर रक्त संचार तेज होकर वहाँ की रक्तवाहिनियां रक्त की अधिकता के कारण उधर और तन जाती हैं। इसी कारण पेडू, कमर, गर्भाशय, जांघों और पिन्डलियों में थोड़ा या बहुत दर्द होने लगता है किन्तु 2-3 बार आ चुकने पर यह कष्ट स्वयं दूर हो जाते हैं। इस के भी दो कारण होते हैं- (अ) जन्मजात दोष यथा- गर्भाशय की रचना में भी विकार, गर्भाशय की गर्दन का लम्बा होना, गर्भाशय के मुख का छोटा होना, गर्भाशय की मांसपेशियों की कमजोरी, डिम्बाशय के तरल में कमी, स्नायविक संस्थान की दुर्बलता आदि। (आ) गर्भाशय में असाधारण रूप से रक्त एकत्रितहो जाना जैसे-गर्भाशय का पीछे की ओर झुक जाना, गर्भाशय या उसकी झि...