स्तनों में दूध घट जाना,satno mein doodh ka kam hona
(स्तनों में दूध घट जाना,satno mein doodh ka kam hona) रोग परिचय-इस रोग में स्वी के स्तनों में इतना कम दूध उत्पन्न होताहै कि उसके शिशु का पेट भी नहीं भरता है, शिशु भूख से बेहाल होकर रोता रहता है तथा रोगिणी के स्तन मुरझा जाते हैं। इस रोग का कारण रक्त कम उत्पन्न होना, रक्त विकार, मासिक धर्म की अधिकता, शरीर से किसी भी रूप से रक्त का अधिक निकल जाना, क्रोध, भय, चिन्ता, शिशु से स्वी का प्यार न करना तथा स्तनों में रक्त संचार की कमी इत्यादि से स्वी के स्तनों में दूध घट जाता है। उपचार-स्तनों पर कैस्टर ऑयल (Castor Oil) की मालिश करें। एलारसिन कम्पनी की टेबलेट लेप्टाडीन (Leptaden) 3 से 4 टिकिया प्रतिदिन गाय या बकरी के दूध से खायें । शक्ति-वर्धक योगों व खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन करें। दूध, घी, मक्खन, मलाई, गेहूँ का दलिया, मूंगफली, बिनौले की खीर इत्यादि अधिक खायें। शतावरी ताजा अधिक मात्रा में खायें तथा शिशु को रात्रि में दूग्धपान की आदत न डालें।