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मार्च 10, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हड्डी-तोड़ ज्वर (Dengue Fever)

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हड्डी-तोड़ ज्वर (Dengue Fever) यह एक विशेष प्रकार के कीटाणु से पैदा होने वाला एक संक्रामक औरमहामारी के रूप में फैलने वाला ज्वर है, जो दक्षिण एशिया के समस्त देशों में पाया जाता है। वर्ष 1996 के अन्त में अपने देश की राजधानी दिल्ली में यह ज्वर फैल गया था। मच्छर के काटने से इस ज्वर का कौटाणु मनुष्य के शरीर में प्रविष्ट होता है। ज्वर के आरम्भ में सिर, आँखों के ढेले, हड्डियों के जोड़ों और कमर में सख्त दर्द होता है। रोगी बेचैन और बहुत कमजोर हो जाता है। ज्वर के तीसरे से पांचवें दिन रोगी के शरीर पर पित्नी के लक्षण पैदा होकर लाल दानें हाथ-पैर पर निकल आते हैं ज्वर भी बहुत तेज हो जाता है। यह अवस्था 2-4 दिन रहकर रोगी स्वस्थ हो जाता है। किन्तु इसी प्रकार ज्वर और लाल दानें इत्यादि लक्षण उभर कर पुनः ज्वर चढ़ जाता है। इस प्रकार के 2-3 बार रोगी को ज्वर के दौरे ठहर ठहर कर पड़ते हैं। इस ज्वर के समय रोगी को दस्त, पेचिश और यकृत शोथ भी हो जाता है। 001 उपचार • मच्छरों के काटने से बचाव हेतु दिन रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें। दिन में मच्छदानी अवश्य लगायें क्योंकि यह मच्छर दिन में ही काटते हैं। मच...

मांसपेशियों का दर्द,muscles pain

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मांसपेशियों का दर्द,muscles pain चोट, मोच, आघात, कटने या कुछ चुभने अथवा अस्व-शख आदि के लगने, जलने, फटने या कैन्सर पैदा होने, घाव, व्रण, फोड़े-फुन्सी इत्यादि चर्म रोगों के होने आदि (विविध कारणों) से मांसपेशियों में प्रायः दर्द होने लगता है। उपचार • शूल वज्रिणी वटी (र. च.) आवश्यकतानुसार 1 से 4 गोलियों बकरी के दूध अथवा ताजा जल से प्रतिदिन 3 बार सेवन करना लाभप्रद है। • सुवर्ण भूपति रस (मो. र.) 120 से 180 मि.ग्रा. तक अदरक के रस तथा मधु के साथ लें। अथवा पिप्पली चूर्ण को मधु के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करना लाभकारी है। • सरसों के तैल को खूब गरम करके उसमें कपूर, पिपरमेंट और अजवायन सत्व (प्रत्येक समभाग) मिलाकर दिन में 2-3 बार पीड़ित मांसपेशी पर मालिश करना अत्यधिक लाभकारी है।