संदेश

दिसंबर 22, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अपस्मार (मिर्गी का दोरा) Epilepsy

चित्र
      (अपस्मार (मिर्गी का दोरा) Epilepsy) रोग परिचय-यह अंग्रेजी में (Epilepsy) तथा हिकमत में सरा और आयुर्वेद में अपस्मार तथा साधारणतयः आम बोलचाल में मिर्गी के नाम से जाना जाता है। यह रोग सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम (केन्द्रीय तन्त्रिका संस्थान) अर्थात् मस्तिष्क से सम्बन्ध रखता है। इस रोग में मस्तिष्क के तन्त्रिका में गड़बड़ी हो जाती है। इस रोग में रोगी बेहोश हो जाता है और शीघ्र अथवा देर से दौरे पड़ते रहते हैं। उचित चिकित्सा व्यवस्था के अभाव में कई रोगियों को इसके दौरे जीवनभर पड़ते रहते हैं। मस्तिष्क की शोथ (Encephalitis) मस्तिष्क का भली भाँति पोषण न होने के कारण अर्थात् पूर्ण रूप से मस्तिष्क की रचना न होने पर अथवा किसी विषैली औषधि के प्रयोग से मस्तिष्क के तन्त्रिका में विष फैल जाने से, अथवा मस्तिष्क में अर्बुद (ट्यूमर Tumour) या फोड़ा हो जाने पर मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। नोट-अकारण आने बाले मृगी के दौरे को अंग्रेजी में इथियोपैथिक लैप्सी तथा लाक्षणिक मृगी को (Symptomatic Epilepsy) कहते हैं तथा इनके दौरे (FITS) को मामूली दौरे जो Petitmal तथा सख्त और तेज दौरे को Gr...

(सिर में दर्द,आधे सिर में दर्द आधासीसी अर्द्धवभेदक (Migraine)

चित्र
(सिर में दर्द,आधे सिर में दर्द  आधासीसी अर्द्धवभेदक (Migraine) रोग परिचय-इस रोग को सूर्यावर्त्त भी कहा जाता है। इस रोग में आधे सिर का दर्द प्रतिदिन सुबह सूरज निकलते ही आरम्भ हो जाता है। जैसे-जैसे सूरज चढ़ता जाता है, दर्द बढ़ता जाता है किन्तु जैसे ही दोपहर के बाद सूरज पश्चिम की ओर ढलना (डूबना) शुरू होता है, दर्द में कमी होती जाती है और अन्ततः सिरदर्द रात को नहीं होता है। उपचार • तम्बाकू के पत्ते तथा लौंग सम भाग लें। पानी के साथ पीसकर मस्तक पर गाढ़ा-गाढ़ा लेप करने से अर्द्ध मस्तक-शूल में लाभ हो जाता है। • तिल 2 ग्राम तथा बायबिडंग 1 भाग, दोनों को जल में पीसकर थोड़ा गरम करके मस्तक पर लेप करना अर्ध मस्तक शूल में लाभकारी है। • लौंग 6 ग्राम को बारीक पीसकर पानी में घोलकर लेही जैसी तैयार कर थोड़ा सा गरम करके कनपटियों पर लगाने से आधासीसी में लाभ होता है। • चीनी और दूध को सम मात्रा में मिलाकर नाक द्वारा सूंतने से अविभेदक तथा अन्य शिरःशूल में लाभ होता है। • लहसुन को छीलकर खरल में डालकर पीसें। फिर किसी बारीक मलमल के कपड़े से छानकर 10 ग्राम रस निकालकर उसमें 6 रत्ती हींग डालकर पुनः खर...