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दूषित गर्भ,bar-bar bacha girna,bacha girna,garbhpaat

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(दूषित गर्भ,bar-bar bacha girna,bacha girna,garbhpaat) रोग परिचय-इस रोग से ग्रसित स्वियों को बार-बार गर्भपात हो जाया करता है। मृत शिशु उत्पन्न होता है। प्रत्येक बार कुरूप अथवा विभिन्न पशुओं की आकृति का बच्चा उत्पन्न हुआ करता है अथवा बच्चा उत्पन्न हो चुकने पर किसी रोग से बच्चा मर जाता है। इस रोग के कारण हैं-पति या पत्नी को सुजाक अथवा उपदंश होना, गर्भाशय में खराबी होना, पुरुष (पति) के शुक्र कीटों की कमजोरी अथवा खराबी, स्वी में रक्त विकार होना, मासिक धर्म के दिनों में गर्भ रह जाना, स्वी का दिमाग खराब होना, मासिक आ चुकने अथवा सम्भोग के समय बुरी आकृतियों, भयानक जीवों और पशुओं का विचार करना और कई बार अकारण (बगैर किसी कारण का पता चले) यह रोग हो जाया करता है। यदि किसी विशेष समय में गर्भपात होता है तो गर्भपात के तमाम लक्षण स्पष्ट प्रतीत होते हैं। अद्भुत आकृति या पशु समान गर्भ होने पर गर्भाशय मेंउसकी गतियाँ बच्चे से भिन्न हुआ करती हैं। यदि भ्रूण अत्यधिक कमजोर हो तो कमजोरी के कारण गर्भाशय में उसकी गति प्रतीत नहीं होती या उसकी गति बहुत कमजोर होती है। इस रोग में पीड़ित प्रायः स्वी सुस्त...