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जनवरी 28, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

योनि की खुजली (Pruritis Vulvae)Vaginal itching,yoni ki khujli ka ilaj

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(योनि की खुजली (Pruritis Vulvae)Vaginal itching,yoni ki khujli ka ilaj) रोग परिचय-भगकन्डू का रोग प्रायः गर्भकाल में खियों को होता है। इसके अतिरिक्त स्त्रियों में उपदंश, विचर्चिका आदि रोगों के संक्रमण, काटने वालेतेज प्रदर के लगने, बच्चादानी एवं योनि से अनियमित रूप से तरल बहकर लगने तथा वी के गुप्तांगों में सफाई न रखने इत्यादि के कारण योनि के बाहर की त्वचा पर छोटी-छोटी फुन्सियाँ उत्पन्न हो जाती है- जिनमें सख्त खुजली होती है। योनि को बार-बार खुजलाने से त्वचा छिल जाती है जिसमें तीव्र खुजली, जलन, दर्द और कष्ट होता है। उपचार • सतपिपरमेन्ट 2 ग्राम को बादाम रोगन 12 मि.ली. में मिलाकर रोगाक्रान्त स्थान पर लगाना अत्यन्त लाभप्रद है। • यशद भस्म 1 ग्राम को 100 बार धुले हुए 12 ग्राम घी में मिलाकर योनि कन्डू में दिन में 2 बार लगाना गुणकारी है। • कपूर 4 ग्राम, सुहागा भस्म 2 ग्राम और नारियल का बढ़िया तैल 30 मि.ली. को एकत्र कर भली प्रकार मिलाकर इसे योनि की खुजली में 2-3 बार लगाते रहने से अत्यन्त लाभ होता है। • पंवार के बीज, बावची, सरसों, तिल, कूट, दोनों हल्दी और नागरमोथा सभी को सममात्रा में ले...

गुदा की खुजली (Pruritis ani)goods ki khujli,chamdi ki khujli

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(गुदा की खुजली (Pruritis ani)goods ki khujli,chamdi ki khujli) रोग परिचय-गुदा को अच्छी तरह न धोने या कन्डू (खुजली) के कीटाणुओं का गुदा की त्वचा में संक्रमण हो जाने से यह रोग हो जाता है। इस रोग में गुदा की बाहरी त्वचा में सख्त खुजली हुआ करती है। बारीक और सख्त फुन्सियाँ निकल आती है जिसके फलस्वरूप त्वचा खुरदरी हो जाती है। उपचार • नीम का तैल, चाल मोगरा का तेल समभाग लेकर मिला लें। इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर दिन में 2-4 बार लगाना उपयोगी है। सरसों का तैल 60 मि.ली., नीम का तैल 12 मि.ली. तथा इतना ही चालमोगरा और बादाम का तैल और तारपीन का तैल 1 मि.ली. तथा कपूर 4 ग्राम मिलाकर रोगाक्रान्त स्थल पर लगाना गुणकारी है। • 60 मि.ली. सरसों के तैल में यशद भस्म, सुहागा भस्म और गन्धक 4-4 ग्राम की मात्रा में लें- पकाकर खुजली के स्थान पर मलें । • शुद्ध आमलासार गन्धक 1 भाग, काला जीरा 1 भाग, स्वर्ण गैरू 1 भाग सभी का बारीक चूर्ण कर कपड़छन करके सरसों के तैल में मिलाकर कन्डू स्थान पर दिन में 2 बार मालिश करना उपयोगी है। नीम के पत्तों का रस 500 मि.ग्राम, गाय का घी 125 ग्राम, रस कपूर 12 ग्राम तथा असली मोम 2...