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कष्टार्तव, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना,period pain,masik dharam mein dard hona

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(कष्टार्तव, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना,period pain,masik dharam mein dard hona) रोग परिचय- इस रोग (डिसमेनोरिया) में स्त्रियों को मासिकधर्म आने से 1-2 दिन पूर्व और आने के समय गर्भाशय पेडू और कमर में दर्द हुआ करता है। इसी स्थिति में रोगिणी को मासिक कम या अधिक मात्रा में भी आ सकता है। अनिद्रा, सिरदर्द और बेचैनी इत्यादि लक्षण पाये जाते हैं। नोट-जब जवान लड़कियों को प्रथम बार मासिक धर्म आता है तो भीतरी जननेन्द्रियों की ओर रक्त संचार तेज होकर वहाँ की रक्तवाहिनियां रक्त की अधिकता के कारण उधर और तन जाती हैं। इसी कारण पेडू, कमर, गर्भाशय, जांघों और पिन्डलियों में थोड़ा या बहुत दर्द होने लगता है किन्तु 2-3 बार आ चुकने पर यह कष्ट स्वयं दूर हो जाते हैं। इस के भी दो कारण होते हैं- (अ) जन्मजात दोष यथा- गर्भाशय की रचना में भी विकार, गर्भाशय की गर्दन का लम्बा होना, गर्भाशय के मुख का छोटा होना, गर्भाशय की मांसपेशियों की कमजोरी, डिम्बाशय के तरल में कमी, स्नायविक संस्थान की दुर्बलता आदि। (आ) गर्भाशय में असाधारण रूप से रक्त एकत्रितहो जाना जैसे-गर्भाशय का पीछे की ओर झुक जाना, गर्भाशय या उसकी झि...