संदेश

bachedani ki soojan लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गर्भाशय-आवरण-शोथ,bachedani ki elarji

चित्र
(गर्भाशय-आवरण-शोथ,गर्भाशय की रचना का कमजोर हो जाना, गर्भाशय में अधिक मात्रा में रक्त एकत्रित हो जाना, सुजाक या उपदंश रोग हो जाना,garbhasya ki sodh,bachedani ki soojan) रोग परिचय- उदरस्थ झिल्ली के उस भाग में सूजन आ जाती है जिसका सम्बन्ध गर्भाशय से होता है। इस रोग का कारण गर्भाशय की रचना का कमजोर हो जाना, गर्भाशय में अधिक मात्रा में रक्त एकत्रित हो जाना, सुजाक या उपदंश रोग हो जाना, अस्पताल में आप्रेशन करते समय और यन्त्र प्रवेश कराते समय चिकित्सक द्वारा असावधानी हो जाना, गर्भाशय, डिम्बाशय और फेलोपियन ट्युबों में शोथ आ जाने और उनमें रसूलियाँ हो जाने तथा मासिक धर्म के समय में सर्दी लग जाना इत्यादि हैं। इस रोग में शोथ - तीव्र, एवं साधारण- दो प्रकार की होती है। तीव्र शोथ में पीड़ित स्त्री को कम्पन के साथ ज्वर हो जाता है। प्यास, मिचली और वमन का कष्ट होता है। मुँह का स्वाद कड़वा रहता है तथा पेडू में तीव्र दर्द होता है जो थोड़ा सा भी हिलने-डुलने अथवा दबाने से बढ़ जाता है। इसी कारण रोगिणी हर समय अपने पैर पेट की ओर सिकोड़े हुए पड़ी रहती है, क्योंकि पैर फैलाने से दर्द बहुत अधिक बढ़ जाया...