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स्नायु दुर्बलता,sareer ki kamjori, har tareh ki kamjori, bimari ke baad ki kamjori

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(स्नायु दुर्बलता,sareer ki kamjori, har tareh ki kamjori, bimari ke baad ki kamjori ) इस रोग से ग्रसित रोगी भी अत्यन्त कमजोर हो जाता है। उसकी सहन शक्ति नष्ट हो जाती है। थोड़ा-सा शारीरिक अथवा मानसिक श्रम करने से ही रोगी थक जाता है। थोड़ी-सी उत्तेजना से ही उत्तेजित हो जाता है तथा हीनता- भाव से बौखलाकर भाव-विह्वल हो अँसू बहाने लगता है। ऐसी दशा में निम्नलिखित पेटेन्ट आयुर्वेदिक योगों का सेवन करें। नारड्रिल टेबलेट (हिमालय) - 1-2 टिकिया दिन में 2-3 बार या आवश्यकतानुसार लें । कब्ज न रहने दे तथा गैस का विकार भी न होने दे। गैन्डिको (डिशेन)- हृदय की शक्ति हेतु अत्युत्तम। दिल की धड़कन बढ़ने व सांस फूलने में उपयोगी है। गुर्दे की सूजन तथा पेशाब कम उतरने व जलोदर में भी उपयोगी है। यह औषधि नशीली अथवा उत्तेजक भी नहीं है। ये 1-2 टिकिया दिन में 2-3 बार दें। बायोसाल ग्राइपवाटर (डिशेन) बच्चों व शिशुओं के दाँत निकलने व पाचन सम्बन्धी विकारों हेतु अति उपयोगी। नवजात शिशुओं को चौथाई चम्मच दिन में 2 बार इसे तथा 1 से 6 माह के बच्चों के लिए आधी चम्मच दिन में 2 बार। 6 माह से 1 वर्ष आयु के बच्चों के लिए ...

रोग के बाद की दुर्बलता,rogon ke baad ki durbalta

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(रोग के बाद की दुर्बलता,rogon ke baad ki durbalta) रोग से उठने के उपरान्त प्रायः हर रोगी काफी कमजोर, कृषकाय, दीनहीन कमजोर और दुर्बल हो जाता है। ऐसी अवस्था में निम्नलिखित पेटेन्ट आयुर्वेदिक योगों का सेवन करें, लाभप्रद है। रसायन वटी (राजवैद्य शीतल प्रसाद)- प्रत्येक प्रकार की दुर्बलता नाशक है। 1-2 टिकिया दिन में 2-3 बार अथवा 2-2 सुबह-शाम दूध से लें। ओजस लिक्विड (चरक) - 1-2 छोटे चम्मच दिन में 2 बार भोजन से पूर्व समान जल मिलाकर । or पंचारिष्ट पेय (झन्ड)- 10 से 30 मि.ली. दिन में 2 बार भोजनोपरान्त । सोमपान सीरप (राजवैद्य शीतल प्रसाद)-2-4 चम्मच दिन में 2 बार व्यस्कों को दें। बच्चों को आधी मात्रा सेवन करायें । आरोग्य मिश्रण (धूतपापेश्वर) - 1-2 चम्मच दिन में 2-3 बार दें। स्टेनेक्स टेबलेट (झन्ड्) - युवा और वृद्धों हेतु उपयोगी है। 2-4 टिकिया दिन में 3 बार सेवन करें ।मेनोलटेबलेट (चरक)-2-2 टिकिया दिन में 2-3 बार दें। शतावरक्ष सीरप (झन्दू) - 1 से 4 चम्मच शर्बत को सुबह-शाम दूध में डालकर लें । अंगूरासब (झन्डू) -2 से 4 चम्मच दिन में 2 बार भोजनोपरान्त लें ।

स्मरण-शक्ति की क्षीणता,dimaag kamjor hona,yadast kamjor hona,bhoolne ki bimari,bhoolna

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(स्मरण-शक्ति की क्षीणता,dimaag kamjor hona,yadast kamjor hona,bhoolne ki bimari,bhoolna)) रोगी की याददाश्त कमजोर हो जाती है। वह अपनी ही वस्तुओं को यहाँ तक कि रिश्तेदारों और मित्रों के नाम तक को भूल जाता है निम्न दवा दें- स्वप्नहरी टेबलेट (डाबर) 1-2 टिकिया दिन में 2 बार । अथवा आवश्यकतानुसार दें। पेट साफ रखें। कब्ज न रहने दें। दिमागीन (मु. तिब्बिया यूनिवर्सटी अलीगढ़) (यूनानी योग) 5-5 ग्राम बिस्कुट पर लगाकर सुबह-शाम खायें ।गावजवां अम्बरी जवाहर बालाखास (हमदर्द) (यूनानी योग) 5-5 ग्राम सुबह-शाम दूध से लें । शंखपुष्पी सीरप (ऊंझा) 1-2 ड्राम दिन में 2-3 बार दें। शर्वत ब्राह्मी (गर्ग) 10-20 मि.ली. दिन में 2 बार लें। ब्राह्मी शंखपुष्पी कैपसूल (गर्ग) आवश्यकतानुसार 1-2 कैपसूल लें। ब्राह्मी तैल (झन्डू) आवश्यकतानुसार सिर में मालिश करें। बाजार में अन्य (नवरत्न तैल, हिमताज तैल, जयगंग तैल इत्यादि भी आते हैं) यह समस्त तैल भी लाभप्रद है। लीवर एक्सट्रेक्ट ऑफ ब्राह्मी (झन्ड्) 4 से 8 मि.ली. अथवा आवश्यकतानुसार दिन में 3 बार जल के साथ लें । ब्राह्मी शंखपुष्पी घनसत्व (गर्ग) 1-1 ग्राम सुबह-शाम जल से ...