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कारवंकल, राजफोड़ा,boils,aditya foda,madhumeh peedika,sakraburd,pusthaburd,code,mavadifode

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(कारवंकल, राजफोड़ा,boils,aditya foda,madhumeh peedika,sakraburd,pusthaburd,code,mavadifode) रोग परिचय-इस फोड़े को अदीठ फोड़ा, मधुमेह पीड़िका, शर्करार्बुद पृष्ठार्बुद आदि नामों से भी जाना जाता है। यह फोड़ा अधिकतर गर्दन, पीठ और चूतड़ की चर्म और उसके गहरे मांस में निकला करता है। यह फोड़ा खतरनाक होता है। प्रायः यह फोड़ा मधुमेह के रोगियों को निकलना है। इस फोड़े की चर्म अत्यधिक लाल हो जाती है और इसमें सख्न दर्द और शोथ होती है। व्रण निरन्तर बढ़ता और फैलता जाता है और काला सा हो जता है। उसके बाद उस पर एक छाला सा पैदा होकर जब यह फूटता है तो इसमें कई छेद दिखाई देते हैं। घाव प्रतिदिन बढ़ता जाता है अन्ततः पूरे फोड़े की चर्म छलनी की भांति छिद्रयुक्त हो जाती है। कई बार बहुत से छोटे-छोट छेद मिलकर एक बड़ा सा छेद बन जाता है जिसमें से काले रंग के छिछड़े से निकलते हैं। इस फोड़े में हर समय पतली सी पीप बहती रहती है और यदि पीड़ित स्थान को दबाया जाए तो गाढ़ी पीप की कीलें निकलती हैं। रोगी को इस फोड़े के कारण बहुत अधिक कष्ट होता है। यदि इस फोड़े का उचित उपचार न किया जाए तो यह घातक सिद्ध हो सकता है। ...

कील-मुंहासे (Acne),pimples ,keel-muhase

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(कील-मुंहासे (Acne),pimples ,keel-muhase ) रोग परिचय-युवावस्था में होने वाला यह एक प्रकार का शोथयुक्त चर्म रोग है। यह प्रायः जवान (युवा) हो रहे युवक-युवतियों को ही होता है। इस रोगको मुख-दूषिका, युवा पिड़िका और वयोव्रण आदि नामों से भी जाना जाता है। यह 25-26 वर्ष की आयु में स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इनका स्वास्थ्य पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। मात्र चेहरा भद्दा (बुरा) लगता है। मुंहासों की कीलों को तोड़ने पर लेसदार गाढ़ी पीप निकलती है। यह रोग प्रायः अजीर्ण, रक्त में गरमी की अधिकता, रक्तदोष, गरम भोजन और पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन, बबासीर का रक्त आने, मासिकधर्म बन्द हो जाने आदि कारणों से हो जाता है। चिकने चर्म वाले मनुष्यों को यह अधिक होता है। उपचार-रोगी धैर्यपूर्वक उपचार करें तथा पेट ठीक रखें, कब्ज न होने दें। पाचन शक्ति बढ़ायें । आँतें साफ रखें। विटामिन ए. 50 से 65 हजार यूनिट तक प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद है। खेलकूद, व्यायाम, खुली वायु में सुबह- शाम भ्रमण करना, उचित आहार-विहार रखें। इस रोग में सूर्य की किरणें (अल्ट्रावायलेट) का भी असर लाभप्रद होता है। • सब्जियाँ उबालक...