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कुष्ठ रोग,कोड रोग

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                            .                                  (कुष्ठ रोग,कोड रोग) रोग परिचय-वैसीलसलेपों नामक कीटाणु के कारण कुष्ठ रोग (कोढ़) होता है। यह शरीर के किसी एक अंग अथवा पूरे शरीर पर भी हो सकता है। यह एक प्रबल संक्रामक (छूत) का रोग है। इसका कीटाणु सम्पर्क से एक दूसरे को तथा वंशज रूप से मिलता रहता है। उपचार • काली जीरी के साथ काले तिल समभाग पीसकर 4 ग्राम की मात्रा में सुखोष्ण जल के साथ दीर्घ काल तक सेवन कराने से कुष्ठ रोग में लाभ हो जाता है। • ऑवला तथा नीम पत्र समभाग लेकर बारीक चूर्ण कर लें। इसे 2 से 6 ग्राम अथवा 10 ग्राम तक नित्य शहद के साथ सेवन कराने से गलित कुष्ठ में लाभ हो जाता है। • आक की जड़ 10 ग्राम जौकुट कर 400 ग्राम जल में अष्टमांश क्वाथ कर कुछ दिनों तक निरन्तर पिलाने से गलित कुष्ठ की पूर्णावस्था (जिसमें-हाथ, पैर की अंगुलियाँ जकड़ गयीं हों, नासिका तथा मुख मन्डल सूज गया हो तथा अन्य गलित कुष्ठ के लक्षण हों) में लाभ हो ज...