अग्नि-दग्ध (Burns),आग से जलना
(अग्नि-दग्ध (Burns),आग से जलना) रोग परिचय- इसमें रोग परिचय की आवश्यकता नहीं है। किसी कारणवश (लापरवाही के फलस्वरूप) आग से अथवा गरम पदार्थों से जल जाने की दुर्घटनाएँ घटित हो जाती हैं जिसके फलस्वरूप रोगी को पीड़ा, जलन की तकलीफ के साथ ही साथ जख्म (घाव) का शिकार बनना पड़ जाता है। उपचार • गाजर को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से दाह की शान्ति होती है तथा फफोले नहीं पड़ते हैं। • केले के गूदे को फेंटकर एक स्वच्छ कपड़े पर मोटा-मोटा लेप करके अग्नि से जले हुए स्थान पर रखने से जलन शीघ्र ही दूर हो जाती है तथा व्रण नहीं बनता है। • करेले के रस को जले हुए स्थान पर वस्व भिगोकर रखने से दाह की शान्ति होती है। • जले हुए स्थान पर आलू को काटकर उसकी लुगदी बनाकर जले हुएस्थान पर लगाने से जलन शीघ्र शान्त हो जाती है तथा दाग नहीं पड़ता है। • बबूल के गोंद को जल में घोलकर अग्निदग्ध स्थान पर लेप करने से तत्काल जलन दूर होकर घाव दूर हो जाता है। • जले हुए स्थान को तुरन्त ठण्डे जल में भिगोकर रखना चाहिए। ऐसा प्रयोग तब तक करें जब तक कि जले हुए स्थान की जलन पूर्णरूपेण शा...