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पीली फुन्सियाँ, चर्मदल /Impetigo Contagioser/peeli foonsiyan

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पीली फुन्सियाँ, चर्मदल /Impetigo Contagioser/peeli foonsiyan रोग परिचय-इस रोग में त्वचा पर 0.62 से 125 सेमी. व्यास में पीपयुक्त फुन्सियां हो जाती हैं, जो बाद में पीली या गहरी आभायुक्त पीले खुरन्ड में परिवार्तत हो जाती हैं। सिर पर निकली इस प्रकार की फुन्सियों से बाल परस्पर (आपस में) चिपक कर गुच्छे जैसे हो जाते हैं। यह रोग सामान्यतः मुखमण्डल एवं माथे के पृष्ठ भाग पर होता है। यह संक्रामक चर्म रोग होने के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है। उपचार • आक्रान्त भाग (त्वचा) को नीम की पत्तियों के काढ़े से भली-भाँति धो-सुखाकर जात्यादि तैल (शा. सं.) दिन में 3-4 बार लगायें। लाभप्रद है। • आक्रान्त त्वचा को नीम के साबुन से धोकर स्वच्छ करें व सुखाकर व्रण राक्षस तैल (भै. र.) दिन में 2-3 बार लगायें। लाभकारी है। • महामन्जिठाद्यारिष्ट (आयु. सार संग्रह) 15 मि.ली. तथा सारिवाद्यारिष्ट (ग्र. भै. र.) 15 मि.ली. दोनों को मिलाकर तथा औषधि के मात्रा के बराबर जल मिलाकर दिन में 2 बार भोजनोपरान्त सेवन करें । • महातिक्तः घृत (सि. यो. सं.) भोजन के प्रथम ग्रास (कौर) के साथ 2 से 5 ग्राम तक दिन मे...