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जनवरी 22, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक्जिमा, छाजन, पामा,eczema,chhoti chhoti foonsiyan,chamdi rog,khujli,khujli se hone wale ghhav

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(एक्जिमा, छाजन, पामा,eczema,chhoti chhoti foonsiyan,chamdi rog,khujli,khujli se hone wale ghhav) रोग परिचय-इसे अकौता, चम्बल, छाजन, पामा, पानीवात आदि अनेक नामों से जाना जाता है। इसका प्रकोप चर्म पर खाज-खुजली, जलन तथा दर्द युक्त छोटी-छोटी बारीक फुन्सियों से प्रारम्भ होता है। यही छोटी-छोटी फुन्सियाँ या दानें खुजलाते-खुजलाते घाव का रूप धारण कर बड़ा आकार ग्रहण कर लेते हैं। रोग नया हो या पुराना, बड़ी कठिनाई से ठीक होता है। इस रोग का कारण पाचन विकार, शारीरिक कमजोरी, वंशज प्रभाव, वृक्क शोथ, मधुमेह, गाऊट (छोटे जोड़ों का दर्द) अन्य जोड़ों का दर्द, स्थानीय खराश, साबुन का अधिक प्रयोग, बच्चों का दाँत निकलना या पेट में कीड़े होना, पसीने की अधिकता, चर्म से भूसी उतरना इत्यादि हैं। (उपचार • पुनर्नवा (साठी) की जड़ 125 ग्राम को सरसों के तैल में मिलाकर पीसें। फिर 50 ग्राम सिन्दूर मिलाकर मरहम तैयार करलें। इस मरहम को कुछ दिन लगाने से चम्बल जड़मूल से नष्ट हो जाता है। शर्तिया दवा है। • सरसों के तैल 50 ग्राम में थूहर (सेंहुड़) का डन्डा रखकर खूब गरम करें। जब थूहर जेल जाए तब जले हुए डन्डे को बाहर फें...

रजोनिवृत्ति,menopause, 45 age ke baad period ka rukne se hone wali bimari

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(रजोनिवृत्ति,menopause, 45 age ke baad period  ka rukne se hone wali bimari ) रोग परिचय-यदि हकीकत में कहा जाए तो यह कोई रोग नहीं है। स्वी की आयु जब 45 से 48 वर्ष की हो जाती है तब उसको रजः आना धीरे-धीरे बन्द हो जाता है। तब स्त्री को विभिन्न प्रकार के रोग और कष्ट हो जाते हैं। कईस्वियों को मासिक समाप्त होने के पूर्व ही विभिन्न प्रकार के रोग और कष्ट हो जाते हैं और यह आवश्यक भी नहीं है कि प्रत्येक स्वी को तमाम लक्षण और कष्ट हों अर्थात् किसी स्त्री को इनमें से कोई रोग व कष्ट और दूसरी अन्य किसी स्वी को अन्य कष्ट हुआ करता है। स्वी के मुख, सिर, गर्दन और गले के ऊपरी भाग में लाली और गर्मी उत्पन्न हो जाती है, पसीना अधिक आता है। प्रायः समस्त शरीर पर लाली-सी दिखाई देती है, सिरदर्द और सिर में चक्कर, मितली, बेचैनी, नींद न आना, भूख हट जाना, अजीर्ण, विड़चिड़ापन, क्रोध, भय, घबराहट इत्यादि कष्ट हो जाते हैं। बहुत-सी स्वियों को हाईब्लड प्रेशर, वहम और पागलपन का रोग हो जाता है। मासिक बन्द होने के समय कई स्त्रियों का गर्भाशय बड़ा हो जाता है जिससे उनको बहुत अधिक मात्रा में रक्त आने लगता है। प्रा...