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छाले, फफोले (Pemphigus)chhale fafafole ka ilaj

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छाले, फफोले (Pemphigus)chhale fafafole ka ilaj रोग परिचय-इस रोग में शरीर पर मटर के दाने से लेकर कबूतर के अण्डे के बराबर तक छाले उत्पन्न हो जाते हैं। इनके अन्दर पानी भरा रहता है। उनमें जलन तथा खुजली तो कम होती है किन्तु रोगी, कमजोर हो जाता है। शरीर पर जहाँ पर छाले निकलने वाले होते है वहाँ जलन, खुजली, दर्द और कष्ट प्रतीत होता है और कुछ देर के पश्चात् छाले निकल आते हैं। इनके फूटने और शुष्क होने के बाद ऊपर की चर्म भूसी की भाँति उतर जाती है। यह रोग पाचन-दोष, मैला-कुचैला रहना, आग से जल जाना, उपदंश का संक्रमण, सख्त धूप में रहना आदि तथा कई बार गर्मी की ऋतु में छोटे बच्चों को महामारी के रूप में उत्पन्न हो जाया करता है। उपचार पाचनक्रिया का सुधार करें। कब्ज न होने दें। छालों पर मुलतानी मिट्टीदही या छाछ में गूंथ कर लगायें या लाल चन्दन सिरके में घिसक लगायें। छालों के फूटने के बाद निम्न योग का मरहम बनाकर घावों पर लगावें । सफेदा काशगरी, कमीला, मुर्दासंग प्रत्येक 12-12 ग्राम, कपूर 6 ग्राम, खरल करके गाय का घी 60 ग्राम (21 बार नीम की पत्तियों के क्वाथ से धोया हुआ) मिलाकर में सबको रख लें। छाल...

विसर्प, सुर्खवाद (Erysipelas)visarjan,shekhawati bukhar

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   विसर्प, सुर्खवाद (Erysipelas)visarjan,shekhawati bukhar  रोग परिचय- यह एक खतरनाक ज्वर होता है, जिसमें चर्म में फैलने वाला शोथ उत्पन्न हो जाता है। (इस रोग का कारण स्ट्रप्टो कोक्कस पायोजेन्स नामक 1 कीटाणु होता है। इसकी छूत रोगी के बिस्तर या शरीर से लग जाती है और प्रायः चेहरे पर अथवा जिस बाजू पर टीका लगे या कभी फुन्सी या घाव में संक्रमण होकर यह रोग हो जाया करता है। छूत लगने के 3-4 दिनों के बाद कम्पन लगकर 105 डिग्री फा. हा. तक ज्वर चढ़ जाता है। जी मिचलाना, सिर में दर्द होना, पीड़ित स्थल पर अत्यधिक लाली, चमक और शोध जिसमें तीव्र दर्द के लक्षण होते हैं। इस रोग में चर्म के नीचे फोड़े हो जाते हैं (सैप्टीसीमिया) रक्त में कीटाणु आ जाने से उनमें विषैले प्रभाव से वृक्कशोथ (नैफाईटिस रोग) आदि रोग हो जाते हैं। कभी-कभी दिमाग और उसके पर्दों में शोध होकर प्रलाप और सरसाम का रोग हो जाता है। जब यह रोग दूर होने लगता है तो लाली, शोथ, जलन व दर्द में कमी आ जाती है और कई दिन तक चर्म से छिलके उतरते रहते हैं। रोग न घटने पर चेहरा और सिर में इन्फ्लेमेशन हो जाना खतरनाक लक्षण होता है। इस र...