झूठा गर्भ,Fake pregnancy,nakli garbh ka ilaj
(झूठा गर्भ,Fake pregnancy,nakli garbh ka ilaj) रोग परिचय-इस रोग में स्वी का पेट गर्भवती स्त्रियों की भाँति दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला जाता है, जिसके कारण गर्भ का सन्देह हो जाता है। मासिक धर्म बिल्कुल बन्द हो जाता है अथवा अल्प मात्रा में अनियमित रूप से आता रहता है। गर्भाशय का मुख बन्द हो जाता है। रोगिणी का चेहरा निस्तेज तथा स्तनों की चूंचियों का चारों ओर का घेरा काला सा हो जाता है। अजीर्ण, अंग टूटना, सुस्ती होकर पेट में गैस (वायु) चलने लगती है। प्रायः चौथे मास से गर्भाशय में वायु के कारण गति (हरकत) प्रतीत होने लगती है। संक्षेप में गर्भ होने के लगभगसमस्त लक्षण दिखलायी पड़ते हैं। यह रोग गर्भाशय के अन्दर दूषित पदार्थ और तरल के एकत्रित हो जाने, गर्भाशय की पूरी रचना या उसके भाग में बहुत अधिक शोध हो जाने अथवा रक्त जमकर लोधड़ा बन जाने और निरन्तर रक्त लगकर जमते रहने से लोथड़े का बड़ा होते चले जाना, हिस्टीरिया रोग होना आदि कारणों से यह रोग उन युवा (जवान) खियों को हो जाता है- जिन्हें सन्तानोत्पत्ति की तीव्र लालसा होती है। असली और नकली गर्भ की पहचान यदि गर्भाशय में जमे हुए रक्त का गाढ़ा लो...