गर्भाशय में दर्द,bachedani mein dard,garbh mein dard
(गर्भाशय में दर्द,bachedani mein dard,garbh mein dard)
रोग परिचय गर्भाशय में अत्यधिक मात्रा में रक्त एकत्रित हो जाने, गर्भाशय शोध, गर्भाशय के घाव, कैन्सर, गर्भाशय का अपने स्थान से हट जाना, झुक जाना, गर्भाशय की बबासीर, अफारा, बच्चा जनने में अधिक कष्ट, मासिक धर्म का कम अथवा अधिक मात्रा में आना, आँवल रुक जाना, गर्भाशय में तरल इकट्ठा हो जाना, गर्भाशय में रसूली हो जाना तथा एलर्जी इत्यादि कारणों से स्वियों के गर्भाशय में तीव्र कष्ट व दर्द हो जाया करता है।
उपचार
• खशखश 2 तोला और खुरासानी अजवायन 2 माशा को सवासेर पानी में उबालकर छानकर मामूली गरम पानी से डूश करें। लाभप्रद है। नीम के पत्ते कूटकर लुगदी बनाकर गरम-गरच पेडू पर टकोर करना भी अत्यधिक लाभप्रद है।
• सौंफ 6 माशा, धनिया 6 माशा, अरन्ड की छाल 6 माशा, सौंठ 3 माशा आधा सेर पानी में उबाल लें। चौथाई पानी शेष रह जाने पर मल-छानकर पिलाना बच्चा होने के समय में लाभकारी है।
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