उलटी ,वमन,vomiting ,और ईलाज


                            (उल्टी,वमन,कै,vomit )
  
रोग परिचय- यह स्वयं में कोई स्वतन्र रोंग नहीं है, बल्कि शरीर में पनप  रहे अन्य रोग तथा रोगों के परिणाम-स्वरूप (फलस्वरूप) होता है ।
  अतः इसे दूसरे रोगों का लक्षण भी कह सकते हैं । इसे वमन, कै, उल्टी  हल्लास, छर्दि नामों से जाना जाता है  -  
(उपचार-  गेरू 25 ग्राम के टुकड़े को लेकर आग पर गरम कें फिर इसे 250  ग्राम पानी में बुझावें । 2-3 बार यही किया करके पानी पिलायें । ऐसा करने से  चाहे किसी भी कारण से उल्टियाँ आ रही हों बन्द हो जायेंगी । 
  बड़ी इलायची 2-3 लें । उसके दानों (बीज) को निकाल कर पीसें फिर  शहद में मिलाकर चटायें ।(उलटी) कै बन्द हो जायेंगी ।  
हरे धनिये का पानी थोड़ी-थोड़ी देर के अनतर से 1-1 घूँट पिलाना चाहिए। "  किसी भी कारण से उलटी(कै) आ रहीं हो, तुरन्त बन्द हो जायेंगी ।
आधे नीबू का रस, पानी 30 ग्राम, जीरा 1 ग तथा 1 ग्राम छोटी इलायची  के दाने पीस व मिलाकर पिलायें । आवश्यकता पड़ने पर पुन: 2 घण्टे बाद पिला  सकते हैं। उल्टी बन्द करने हेतु अंति उत्तम योग है ।
   किसी भी कारण से जी (दिल) मिचला रहा हो तो 5-6 लौंग चबा लें।  तुरन्त आरामं होगा ।
 अदरक के रस में समभाग प्याज का रस मिलाकर सेवन करने से वमन  में लाभ होता है।  
 नीबू का रस जल के साथ सेवन करना भी वमन मंलाभप्रद है ।
  सौफ 6 माशा की पोटली बनाकर आधा सेर दू्ध में औटाें । इसमें 3  उफान आने पर नीचे उतारलें और थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर पिलाबें । गर्भबती की  वमन में लाभप्रद है ।
  सौंठ का चूर्ण घी में पकाकर उसमें बताशा मिलाकर चटाने से बच्चों का  दूध डालना बन्द हो जाता है । बयस्कों को भी बमन (कै), उल्टी आना बन्द हो  जाता है।
   प्याज का रस 1 तोला, पोदीना का-रस 1 तोला, चीनी 1 तोला को  मिलाकर दिन में 3 बार देने से वमन, अतिसार, हैजा ठीक हो जाता है । प्रयोग  3 दिन तक जारी रखें ।
 पोदीना का रस 1 तोला शक्कर मिलाकर बार-2 पिलाने से वमन और  तृष्णा मिट जाती है।
  एक नीबू के 2 टुकड़े केरके उसपर पिसी हुई काली मिर्च छिड़ककर रोगी  को एक-एक कर चूसने हेतु निर्दशित करें, वमन बन्द हो जायेंगी । 
दिन भर में  5-6 बार डेद पाब पानी में एक नीबू का रस मिलाकर प्र्येक बार ताजा बनाकर  प्रयोग करें। पिलाने से इस साधारण प्रयोग से पतले दस्त आसानी से बन्द हो  जाते है।
  नीबू के रस में भुना हुआ सफेद जीरा, लौंग और काली मिर्च पीसकर  पिलाना भी मिचली और वमन में लाभप्रद है ।
  कमल गट्टा और बड़ी इलायची भूनकर शहद से चटाने से उल्टी रुक  जाती है  ।
  आधी लौंग भूनी हुईं, आधी संजीवनी वटी देने से लाभ होता है ।
   सत अजबायन, सत पोदीना, सत पिपरमैन्ट और कपूर मिलाकर 1-1  बूँद देने से वमन त्काल रुकती है।

                  (वमन,उल्टी का ईलाज और दवाईया)

(बोमीटेव सीरप और बोमीटेव टैब) (निर्मांता चरक फर्मेंसी) हर  .प्रकार की वमन विशेषकर गर्भावस्था की वमन में लाभकारी है । मात्रा वयस्कों को  2-2 चम्मच या 2-2 टिकिया प्रत्येक आधा घण्टे के अन्तराल से । बच्चों को  ' आधी मात्रा दें । शिशुओं को आधा चम्मच प्रत्येक आधा घण्टे पर दें I 
 डाइजोल टेवलेट -(राजबैद्य शीतल प्रसाद) 2-2 टिकिया दिन में 3-  4 बार दें। यह औषध भी हर प्रकार की वमन में लाभकारी है ।  
 गैसेक्स टेबलेट (हिमालय) 2-2 टिकिया दिन में 3 बार अथबा  आवश्यकतानुसार दें । तीव्ावस्था में 2-2 टिकिया प्रत्यक 2-2 घन्टे के अन्तर  से दे सकते हैं ।
  . सूक्ष्मादि टेबलेट (झन्डू) 1 से 4 टिकिया दिन में 3-4 बार दें। बमन  में अतिशय उपयोगी है । 
 गैस नोल (गर्ग) सरपेन्भिन (मार्तण्ड) गैसोन (मेडिकल इथिक्स) इत्यादि  का प्रयोग भी वमन को रोकने में अति उपयोगी है ।
  
 कृष्णा मिक्श्चर , अमृतधारा, पुदीनहरा, यूनानी, (हमदर्द) की  कुलजम इत्यांदि का प्रयोग भी वमन रोकने में अतिशय लाभकारी है।  
विजयमास्कर चूर्ण (न्बन्तरि फर्मेसी) का बमन हेतु (समुद्री, हवाई,  पहाड़ी अथवा रेल यात्रा और' गर्भवती महिलाओ के लिए अत्यन्त लाभकारी है। सभी  आयु वर्ग के खी पुरुष इस स्वादिष्ट चूर्ण का सेबन कर सकते हैं । 
बमन नाशक  होने के अतिरिक्त उदर के समस्त रोगों में तत्काल लाभप्रद एबं गुणकारी है। 


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