बालों की जड़ों की पुरानी शोथ,Barbers Itch, DeLekee Sycosis Barbee,balon mein khuski,balon mein sikari,dandraff
(बालों की जड़ों की पुरानी शोथ,Barbers Itch, DeLekee Sycosis Barbee,balon mein khuski,balon mein sikari,dandraff)
रोग परिचय-इसे अंग्रेजी में (Barbers Itch, DeLekee Sycosis Barbee) के नाम से जाना जाता है। यह भी एक हठीला रोग है जो काफी लम्बे समय तक परेशान करता है। यह प्रायः दाढ़ी और सिर के बालों की जड़ों में हुआ करता है। इस रोग में त्वचा के रोम कूपों में पुरानी सूजन होती है जिसके कारण पीपयुक्त, पीली फुन्सियों उत्पन हो जाती हैं। पीप निकलकर और सूखकरखुरन्ड बन जाते हैं। इस रोग के कारण बाल कमजोर होकर झड़ने लग जाते हैं तथा इसकी छूत एक से दूसरे व्यक्ति को भी लग जाती है। यह रोग स्टेफिलीकोक्कस नामक कीटाणु के संक्रमण से उत्पन्न होता है।
उपचार
• 101 बार का धुला हुआ भी 250 ग्राम, सफेदा और कपूर 12-12 ग्राम, उत्तम (बढ़िया) सिन्दूर 6 ग्राम और चन्दन का तैल 18 ग्राम लें। सभी औषधियों को घी में रगड़कर मरहम बनाकर रोगाक्रान्त चर्म पर मलें। यह समस्त प्रकार के चर्म रोगों का नाराक बाह्य प्रयोगार्थ योग है।
• शुद्ध आँवलासार गन्धक 12 ग्राम, चिरायता 24 ग्राम, सौंफ चूर्ण 24 ग्राम, नीम का तैल 6 मि.ली. सभी को मिलाकर बड़े साइज के कैपसूलों में भरकर सुबह-शाम 1-1 कैपसूल खिलायें ।
• नीम के नरम पत्ते, चिरायता के पत्ते, कुटकी, रीठा के छिलके सभी सममात्रा में लेकर कूट पीसकर बबूल के गोंद के साथ 250 मि.ग्रा. की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रख लें। इन्हें 1-2 गोली तक सुबह-शाम ताजे जल से खायें । इसके सेवन से बालों के जड़ों की शोथ, दाद, चम्बल, खुजली, उपदंश, पित्त विकार तथा अन्य चर्म या रक्त विकार नष्ट हो जाते हैं। अनुभूत योग है।
• सायंकाल को नीम के पत्तों को मोटा-मोटा कूटकर चौगुने जल में मिलाकर भिगोकर रख दें। प्रातःकाल इसे बारीक कपड़े से छानकर इस जल से पीड़ित चर्म को भली प्रकार धोवें । तदुपरान्त किसी कलईदार बरतन में विशुद्ध सरसों का तैल 60 मि.ली. लेकर अग्नि पर गरम करके फिर इसमें मेंहदी की हरी पत्तियाँ डालकर इतना उबालें कि पत्तियाँ जल जायें। तब इसको छानकर पीड़ित चर्म पर लगाकर मालिश करें। अतीव गुणकारी है।
• मजीठ 30 ग्राम, त्रिफला 120 ग्राम, छोटी हरड़ 60 ग्राम, छोटी इलायची के बीज 30 ग्राम तथा स्वर्ण गेरू, कलमी शोरा, कासनी के बीज, गोक्षुर (प्रत्येक 30-30 ग्राम) सनाय 120 ग्राम, गुलाब के फूल 60 ग्राम लें। इन सभी को कूट पीसकर कपड़छन करके सुरक्षित रखलें। यह मंजिष्ठादि चूर्ण का योग है। इसे 3 ग्राम की मात्रा में प्रातःकाल उष्ण जल से सेवन करें।
ब्राह्योल (ब्राहमी आँवला केश तैल) निर्माता हाइजीनिक रिसर्च इन्स्टी. मुम्बई- 1) बालों को लम्बा, घना व काला बनाये रखता है। रूसी नष्ट कर देता है। मस्तिष्क को तरोताजा रखता है। यह तैल विटामिन ई से समृद्ध है।
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