हाथ-पाँव की अंगुलियों का फूल जाना (Chilblain)haath pair ki unglion ka soojna
रोग परिचय-शीत ऋतु अथवा बरसात की सख्त सर्दी तथा गीली बायु
के कारण हाथ-पैरों की अंगुलियों में सख्त खुजली और कष्ट होता है। उनमें शोथ हो जाती है तथा नीलापन आकर जलन होने लगती है। अंगुलियों के अतिरिक्त यह कष्ट शरीर के दूसरे अंगों में भी उत्पन्न हो जाता है जिसको 'पाला मारना' कहा जाता है.।
उपचार-भोजन में दूध, अण्डा, मक्खन इत्यादि का खूब प्रयोग करें।
औषधि के रूप में काडलीवर आयल (मछली का तैल) आदि रसायन व शक्ति वर्धक योगों का प्रयोग करें। इस रोग की चिकित्सा भी पाला मारना रोग की ही भाँति की जाती है।
• देसी अजवायन 6 ग्राम को 25 मि.ली. सरसों के तैल में पकाकर मामूली गरम औषधि की मालिश पीड़ित अंग पर करना अत्यधिक लाभप्रद है।
• सरसों के तैल में नमक मिलाकर गरम करके पीड़ित अंग पर मालिश करने से समस्त कष्ट मिट हो जाते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें