गट्टा, आटन, गोरखुल ,foot Corn,pair ki gathering ka ilaj

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रोग परिचय-तंग जूता पहनने के कारण उसके दबाव और रगड़ से प्रायः

पाँव के अँगूठे या छोटी अँगुली के जोड़ की त्वचा सख्त हो जाया करती है। पैरों के तलुवों में कांटा, सुई, कांच का टुकड़ा, लोहे की कील आदि चुभ जाने के कारण भी पैर के तलुवे की चर्म में सख्त गाँठ बन जाया करती है। जिसमें चलते समय सख्त दर्द होता है।

उपचार-तेज ब्लेड या उस्तरे से गोरखुल को काटकर उसको जड़ से (सख्त

मांस को छील-छील) निकालें इसके सबसे नीचे छिद्र में पीप जमा रहती है। इस छिद्र को त्वचा की ओर काटकर समस्त पीप को हाइड्रोपर, आक्साइड (आग उत्पन्न कर जख्म, पीप आदि साफ करने वाली (H2) हाइड्रोजन आक्सीजन का घोल या एक्रिफ्लेबिन लोशन (पीला टिंक्बर बनाने वाली दवा जिससे डाक्टर लोग साधारण जख्मों की पट्टी) ड्रेसिंग करते हैं से साफ करके उसको रुई से भली-भांति पोंछकर उसमें विशुद्ध कार्बोलिक एसिड 1-2 बूंद डाल दें, फिर पट्टी बाँधे । तदुपरान्त साधारण जख्मों की भाँति उपचार कर ठीक कर लें। कार्बोलिक एसिड के अभाव में कार्नेक निर्माता (बी.सी.) का प्रयोग कर सकते हैं। या गट्टे को गरम पानी से भिगोकर नरम करके उस्तरे से सावधानी पूर्वक छीलकर उस पर फिटकरी गरम पानी में भिगोकर रगड़ें ।

• फिटकरी, सुहागा, नौशादर को सिरके में पीसकर गट्टे पर लगाना लाभप्रद है।

• गरम पानी भुनी खील फिटकरी और सरसों का तैल मिलाकर लगाना भी गोरखुल में अत्यधिक लाभप्रद है।

• ताँबे का टुकड़ा या पैसा पानी में घिसकर गट्टों पर लगाना भी उपयोगी है। प्रयोग छोटा किन्तु चमत्कारी है।

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