पसीना अधिक आना (Hyperidrosis)exessive sweeting, zayada paseena ana


पसीना अधिक आना (Hyperidrosis)exessive sweeting, zayada paseena ana


रोग परिचय-इस रोग को अति स्वेदलता भी कहा जाता है। वैसे तो गर्मी व्यायाम अथवा अन्य किसी परिश्रम के फलस्वरूप भी पसीना बहने लगता है किन्तु कई रोगों के कारण भी अधिक पसीना आने लगता है। क्षयजन्य क्षीणता, किसी भी कारण से उत्पन्न कमजोरी, स्नायविक विकार, तन्त्रिका संस्थान की कमजोरी, धातु क्षीणता, स्मरण शक्ति की कमी, सामान्य दुर्बलता, अरुचि मन्दाग्नि, मलेरिया बुखार, फेफड़ों का क्षय, रक्त का दूषित और पीपयुक्त हो जाना एवं तीव्र ज्वरके समय और अस्थिमृदुता आदि रोगों में अधिक पसीना आना एक प्रमुख लक्षण होता है।

उपचार रोग के मूल कारण को दूर करना ही वास्तविक उपचार है। पाचन क्रिया का सुधार करें। यदि शरीर में दूषित तरल की अधिकता के कारण पसीना अधिक आता हो तो उसे निकालें ।

नोट-ज्वर अथवा अन्य तीव्र रोग दूर र होने के समय आने बाले पसीने को कदापि रोकने का प्रयास र करें, अन्यथा मरिणाम गम्भीर हो सकते हैं।

• मीठी निर्बसी, जायफल, जावित्री, केसर प्रत्येक 3-3 ग्राम लें। शिंगरफ, अफीम, लौहवान का सत, मंदी भस्म प्रत्येक डेढ़ ग्राम, कस्तूरी 1 ग्राम लें। सभी औषधियों को पान के पत्तों के रस और मधु में खरल करके उड़द के बराबर गोलियाँ बनाकर रख लें। आवश्यकतानुसार 1-2 गोली तक सेवन करें तथा बाह्य प्रयोगार्थ अरहर की दाल को भूनकर कायफल मिलाकर पीसले और थोड़ा गरम करके पिन्डली से पांव की अँगुलियों तक और कोहनी से हाथ की अंगुलियों तक मालिश करें। यह योग प्रसूत और ठन्डक के कारण अधिक पसीना आने में अत्यधिक लाभकारी है।

• रूई का फाहा ठण्डे पानी में तर करके या बरफ की छोटी डली नाभि पर रखने से भी पसीना आना रुक जाता है।

• फिटकरी पानी में घोलकर उस पानी से स्नान करना या फिटकरी की डली पसीने के स्थान पर रगड़ना भी अधिक पसीना आने में लाभप्रद है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आँख आना, अभिष्यन्द,गुहोरी,आंख पे फुंसी

चर्म की खुश्की, चर्म का खुरदरा हो जाना,dry skin,chamdi ki khuski

सफेद दाग,शरीर पर सफ़ेद घबे(Leucoderma)