दाँत दर्द, दाँत का कीड़ा (Toothache)=dant dard,dant ka keeda ka ilaj
• हींग या लौंग पीसकर खोड़ में भर देना या मलना अथवा लहसुन पर नमक छिड़क कर चबाना, कोकीन लोशन, क्रियोजोट या कार्बोलिक एसिड लोशन लगाना, पिसा तम्बाकू मलने से दाँत का दर्द दूर हो जाता है।
काली मिर्च, अकरकरा, लौंग, राई सभी समभाग लें और पीसकर मंजन बनालें। उसे दाँतों पर मलने से दाँतों का दर्द दूर हो जाता है।
• नौशादर 60 ग्राम, फिटकरी 120 ग्राम बारीक पीसकर अंगूरी सिरका 240 ग्राम मिलाकर उबालें। जब सिरका खुश्क हो जाये तब कपड़े से छानकर रखलें । यह 250 से 500 मि.ग्रा. तक औषधि मसूढ़ों पर मलकर मुँह का पानी बहनें दें। थोड़ी देर कुछ खाये-पियें नहीं। दाँतों के दर्द में तुरन्त लाभ होगा।
कपूर, सत अजवायन, सत पोदीना तीनों को समभाग लेकर शीशी में रखलें। थोड़ी देर यह तरल औषधि बन् जायेगी। इसको अमृतधारा कहा जाता है। रुई के फाहे से 1-2 बूँद यह औषधि पीड़ित दाँतों पर मलें। दाँतदर्द में लाभकारी है।
• अमरूद के पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने से मसूढ़ों की सूजन और दर्द दूर हो जाता है।
• नीम की छाल के काढ़े से कुल्ला करने से मसूढ़ों का असहनीय दर्द भी दूर हो जाता है।
• नौशादर और सोंठ दोनों समभाग लेकर पीसकर दाँतों पर मलने तथा खोखले स्थान में भरने से दाँत के कीड़े मरकर दाँतदर्द दूर हो जाता है।
नीलाथ्रोथा लेकर फुलालें फिर पीसलें। इसे 1 ग्राम की मात्रा में ठण्डे पानी में घोलकर गरारे करने से दन्तशूल और दन्तकृमि नष्ट हो जाते हैं।
• काली मिर्च पिसी हुई 2 ग्रेन लेकर जरा से पानी में घोलकर कान में टपका देने से दन्त-पीड़ा तुरन्त मिट जाती है। जब पीड़ा मिट जाए, तब कान में 3-4 बूँद घी टपका दें। इससे कान की सूजन दूर हो जाएगी।
• जरा सा कपूर दर्द वाले दाँत पर रखकर दबा लें। यदि दाढ़ में सूराख हो तो उसमें भर दें। दर्द दूर हो जायेगा ।
• दालचीनी, कालीमिर्च, धनिया भुना हुआ, नीला थोथा भुना हुआ, कपूर-0
कचरी, सेंधा नमक, मस्तंगी, चोबचीनी प्रत्येक 10 ग्राम तथा पपड़िया कत्था 2 ग्राम, माजूफल 5 नग लें। सभी को कूट पीसकर मंजन बनाकर प्रयोग करने से दन्त रोग नहीं सताते । बाल जीवन भर सफेद न होकर काले ही बने रहते हैं।
• अजवायन खुरासानी, बायविंडग, अकरकरा तीनों को बराबर लेकर कूट पीसकर मंजन बनाकर प्रयोग करने से दाँत स्वच्छ और दृढ़ होते हैं। इसे प्रतिदिन 3 बार मलने से दाँतों की पीड़ा शान्त हो जाती है।
• सफेद फिटकरी 250 ग्राम को बारीक पीसकर 25 ग्राम पिसा हुआ गेरू मिलाकर मंजन करने से दांतों से रक्त निकलना, पस आना, हिलना तथा दाँतों की गन्दगी आदि रोग नष्ट हो जाते हैं।
नीम के पत्ते जले हुए 100 ग्राम, पिसा सैंधा नमक 10 ग्राम मिलाकर मंजन करने से दाँत उज्ज्वल व मजबूत हो जाते हैं।
सौंठ, लौंग, काली मिर्च प्रत्येक 20 ग्राम, पुरानी सुपारी 25 ग्राम, तम्बाकू के पत्ते 25 ग्राम, सेंधा नमक 200 ग्राम, गेरू 250 ग्राम लें। सभी को कूट पीसकर मंजन बनालें। इसका प्रयोग करने से हिलते हुए दाँत मजबूत होकर मोती की भाँति चमकने लगते हैं।
लौंग 10 ग्राम और कपूर 1 ग्राम दोनों को बारीक पीसकर दाँतों पर मलने से दाँतों के सभी रोग और दर्द आदि नष्ट हो जाते हैं।
• मौलश्री की सूखी हुई छाल 250 ग्राम को कूट पीसकर, कपड़छन मंजन बनालें । इसका सुबह-शाम प्रयोग करें आधा घंटा के बाद कुल्ला कर लें। दाँत बुढ़ापे तक मजबूत रहते हैं।
• मौलश्री की दातून करने से हिलते हुए दाँत दृढ़ हो जाते हैं। पायोरिया नष्ट हो जाती है। दाँत मोती के समान हो जाते हैं।
• सीप को जलाकर थोड़े के नमक के साथ बारीक पीस, छानकर मंजन की भांति प्रयोग करने से दाँतों का मैल साफ होकर दांत मोती के समान चमकने लगते हैं।
सोडाबाईकार्ब (खाने वाला सोडा) और हल्दी दोनों को मिलाकर मंजन करने से दाँतों के अनेकों रोग दूर हो जाते हैं।
• सैंधा नमक और सरसों का तैल दोनों को मिलाकर मंजन करने से पायोरिया, दाँतों का हिलना इत्यादि दूर हो जाता है।
• जामुन की लकड़ी अथवा बबूल की लकड़ी को जलाकर कोयला बनाकरपीसकर मंजन करने से दाँत मोती के समान चमकीले हो जाते हैं और दर्द भी दूर हो जाता है।
दन्त रोगों में 'लाक्षादि तेल' या 'अर्क कपूर' की फुरैरी लगाना लाभप्रद है।
• नियमित रूप से दाँतों की सफाई न करने, दाँतों में भोजन के कण फैस जाने, कोई कड़ी (कठोर) वस्तु खाने, खट्टी, मीठी या चटपटी वस्तुओं के खाने आदि कारणों से दाँतों में दर्द होने लग जाता है। अतः दाँतदर्द के रोगी इनका परहेज रखें।
• यदि मुख में अत्यधिक लार (थूक) बनता हो तो इबोमिन टेबलेट (निर्माता मेडीकल इथिक्स) 1-2 गोली दिन में 3-4 बार लें या पोनीटेब टेबलेट (चरक) 1-1 गोली दिन में 4-6 बार जल से अथवा इसी नाम से उपलब्ध सीरप 1-1 चम्मच दिन में 3-4 बार सेवन करें। बच्चों को आधी मात्रा तथा शिशुओं को 10 से 15 बूँद तक दें।
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