आँत उतर जाना (हार्निया) का दर्द,harniyan ka dard pain
रोग परिचय-आँत या तो अन्डकोषों में या वक्षण नाल में उतर जाने से कभी-कभी भयंकर दर्द और बेचैनी होने लग जाती है। आँत जब तक ऊपर स्थान में जाती नहीं है, रोगी को असहनीय दर्द होता रहता है।
उपचार
• सर्वप्रथम आँत को वंक्षणछिद्र या जिस छिद्र से अपने स्थान से नीचे आयी हो, उसी मार्ग से ऊपर भेजने की यथा-संभव चेष्टा करें। यदि आँत ऊपर नहीं जा रही हो तो आँत शुद्धि हेतु रोगी को उपवास करायें तथा हल्की दस्तावर औषधि दें अथवा एनिमा लगायें। दर्द दूर करने हेतु दर्द निवारक योगों का सेवन करायें। यदि आँत अन्दर प्रविष्ट हो जाए तो उपयुक्त साईज की हानियल ट्रेस (पेटी) बाँधें तथा इसका निरन्तर प्रयोग जारी रखें ।• कब्ज दूर करने के लिए पंचसकार चूर्ण या त्रिफला चूर्ण सुबह-शाम 2 से 4 ग्राम तक जल से दें।
• अन्ववृद्धि हर गुटिका 1 से 2 गोलियों तक जल से दिन में 2 बार सेवन करायें। बीड़ी, सिगरेट, गरम चाय, मिर्च व खटाई आदि का सेवन कदापि न करें।
• अन्त्रवृद्धि हर चूर्ण 4 से 6 ग्राम तक, मिश्री चूर्ण, छोटी इलायची, दालचीनी, सौंठ एवं लौंग का चूर्ण मिलाये हुए 400 मि.ली. गरम दूध के साथ दिन में 2 बार सेवन करायें। अत्यन्त लाभप्रद है।
वृद्धि वाटिका वटी (भाव प्रकाश) 1 से 2 गोली तक जल से दिन में 2 बार दें। यदि रोगी को कब्ज हो तो आरोग्य वर्द्धिनी वटी का भी साथ-साथ सेवन करायें ।
नोट-यदि रोगी को मितली और बेचैनी हो तो नमक मिले मट्ठा या नीबू का रस, शक्कर एवं जल मिलाकर सेवन करायें। इस औषधि के सेवन कराने के तुरन्त बाद दूध, चाय, काफी गरम-गरम कदापि न दें। यदि दूध पीना ही हो तो कम से कम 1-2 घंटे बाद ही पिलायें।
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