वृषणार्ति, अन्डकोषों के शोथ का दर्द,varicocele Symptoms and treatment
रोग परिचय-चोट लग जाने अथवा वीर्य के वीर्य बाहिनी नालिका में अटक
• जाने आदि कारणों से अन्डकोष सूज जाते हैं तथा उनमें कभी कम और कभी बहुत तेज दर्द होने लग जाता है ।
उपचार
• वृद्धि वाटिका वटी (भाव प्रकाश) 1 से 2 गोली प्रतिदिन जल के साथ लें।
नोट-इसे सेवन करने के तुरन्त बाद गरम-गरम दूध, चाय, काफी न लें। यदि कब्ज न हो तो आरोग्य बर्द्धिनी बटी 2 गोलियाँ दिन में 2 बार साथ-साथ सेवन करें।
• नित्यानन्द रस 1 से 2 गोलियाँ तक ठण्डे जल से दिन में 2 बार सेवन करें। यह अन्डकोष एवं वृषण शोथ में से उत्पन्न दर्द में गुणकारी है।
गुग्गुल, एलुवा, कुन्दरू; लोध, फिटकरी, गन्धा बिरोजा प्रत्येक सममात्रा में लेकर जल में पीसकर लेप बनाकर अन्डकोषों के बालों को उस्तरे से साफ करके इस लेप को दिन भर में 3-4 बार लगाते रहने से सूजन व दर्द नष्ट हो जाता है।• त्रिफला चूर्ण (बरक संहिता) 2 से 6 ग्राम तक दिन में 1-2 बार गोमूत्र के साथ सेवन करना भी लाभकारी है।
• छोटी कटेरी की जड़ की ताजा छाल 15 ग्राम (छाल यदि सूखी हो तो 10 ग्राम) काली मिर्च 7 दाने दोनों को घोट पीसकर 125 ग्राम पानी में मिलाकर प्रतिदिन सप्ताह तक प्रातः काल सेवन करने से अन्डकोषवृद्धि का रोग समूल नष्ट हो जाता है।ination)
• तम्बाकू का पत्ता गरम करके अन्डकोषों पर बाँधकर लंगोट चढ़ाले । एक घंटे के अन्दर लंगोट भीग जाएगा, तब दूसरा लंगोट बाँध लें। इसी प्रकार तीसरा लंगोट बदल लें, खुजली होगी किन्तु खुजलावे नहीं, रातभर बँधा रहने के बाद प्रातःकाल पत्ते को खोल दें। यदि अन्डकोष पर सूराख (छिद्र) हो गये हों तो वहाँ पर मक्खन लगाया करें। यदि तम्बाकू का गीला (ताजा) पत्ता न मिले तो सूखे पत्ते को दिन भर पानी में भिगोकर रात्रि को प्रयोग करें ।
• माजूफल 20 ग्राम, फिटकरी 5 ग्राम दोनों को पानी में पीसकर अन्डकोषों पर निरन्तर 2 सप्ताह तक लेप करना भी लाभप्रद है। अन्डकोष वृद्धि नाशक योग है।
8. आम के पत्ते 20 ग्राम, सैंधा नमक 10 ग्राम दोनों को बारीक पीसकर थोड़ा गरम करके लेप करने से अन्डकोष वृद्धि को आराम आ जाता है और फिर यह रोग जीवन में दुबारा नहीं होता है।
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