स्तम्भन शक्तिवर्द्धक योग,virya stambhan,semen erection
अकरकरा 1 ग्राम, तुख्मेोरहां 8 ग्राम और बूरा 9 ग्राम लें। सभी वस्तुओं को कूट पीसकर कपड़छन कर पानी की सहायता से चने के आकार की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रखले । सम्भोग से 1 घंटा पूर्व 1 गोली दूध के साथ निगललें। जब तक सम्भोगरत व्यक्ति नीबू नहीं खायेगा, स्खलित नहीं होगा।
अफीम शुद्ध 8 ग्राम, लौंग 4 ग्राम, कस्तूरी 1 रत्ती, जायफल 6 ग्राम सभी को बारीक कूट पीसकर शहद की सहायता से 2-2 रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रखलें । आवश्यकता के समय 1 गोली बंगलापान में रखकर खायें । अत्यधिक स्तम्भक योग है। संभोगरत (सेवनकर्ता) जब स्खलित होना चाहे, तब खटाई खा ले ।
कौंच की जड़ अँगुली के बराबर मोटी लेकर सहवास के समय मुख में रख लें। जब तक इसका रस पेट में जाता रहेगा, तब तक स्खलन नहीं होगा। जब स्खलित होना चाहें, इसे मुख से बाहर निकाल लें, स्खलन हो जायेगा ।
• इन्द्रायन फलों को काटकर दोनों पैर के तलुवों पर खूब मले, जब मुख में कड़वाहट का आभास हो जाए तब पृथ्वी पर (जमीन) बिना पैर रखे ही सम्भोगरत हो जायें। जब तक जमीन पर पैर (तलुवे) नहीं रखोगे तब तक स्खलित नहीं होगे।
आम की छाल और फल दोनों का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन खाने से स्तम्भन शक्ति बढ़ती है। वीर्यवृद्धि भी होती है। धात गिरने के रोग में तथा खियों के प्रमेह में भी लाभकारी है। मूत्राशय को शक्ति प्रदान करने वाला योग है।
भाँग का पौधा जड़, पत्ती तथा बीजों सहित पीसकर छाया में सुखाकर लाल शक्कर के साथ थोड़ी सी मात्रा में सेवन करने से अत्यन्त स्तम्भन होता है।
पीपल की छाल पानी में पीसकर लिंग पर लगाकर शुष्क हो जाने के बाद साफ करके संभोग करने से अत्यधिक स्तम्भन होता है।
इन्द्रायण के बीज संभोग से 15 मिनट पूर्व मुख में रख लेने से पर्याप्त स्तम्भन होता है।
अण्डे को आधा उबालकर उसकी जर्दी निकाल लें। फिर इस जर्दी में 1 माशा की मात्रा में पिसी हुई सौंठ मिलाकर प्रतिदिन 1 अण्डा सेवन करने से वीर्य वृद्धि होती है। वीर्य गाढ़ा होता है। शरीर मोटा-ताजा हो जाता है तथा अत्यधिक स्तम्भन भी उत्पन्न होता है।लाजवन्ती के बीज 3 ग्राम और मिश्री 6 ग्राम मिलाकर चूर्ण मिलाकर रखले (बह 1 मात्रा है। निरन्तर 2 सप्ताह तक सुबह-शाम गौदुग्ध से सेवन करने से ऐसा स्तम्भन होगा कि अफीम आदि की आवश्यकता ही नहीं पड़ेमी ।
जमीकन्द का चूर्ण तथा तुलसी की जड़ का चूर्ण समान माश में मिलाक रखें। इसे 2 माशा तक की मात्रा में पान के साथ खाने से स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती है।
समुद्रसोख, तालमखाने के बीज, रिहां के बीज प्रत्येक 100-100 ग्राम लेकर बारीक पीसकर चूर्ण बना सुरक्षित रखलें। इसे 5 से 10 ग्राम तक प्रतिदिन प्रातःकाल निहारमुंह खाने से वीर्य वृद्धि होती है तथा स्तम्भनशक्ति बढ़ती है।
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