गर्भपात के कुछ अचूक योग

गर्भपात के कुछ अचूक योग

पूर्ण गर्भ 280 दिनों का होता है। यदि 28 सप्ताह से पूर्व गर्भाशय को त्यागकर गर्भ बाहर निकल आता है तब इस स्थिति को गर्भपात कहा जाता है। गर्भावस्था के प्रारम्भिक महीनों में यदि गर्भवती स्वी की योनि से रक्तस्त्राव होता है तब यह भी गर्भपात की ही स्थिति कहताती है। हमारे देश में 10 से 20 प्रतिशत गर्भवती स्वियों को किसी न किसी कारण से गर्भपात हो जाता है।

आमतौर पर 12 सप्ताह तक के गर्भ को आसानी से गिराया जा सकता है। जूनसंख्या विस्फोट को देखते हुए भारत सरकार ने अपने देश में गर्भ गिराने का कानून मेडीकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेन्सी एक्ट (M.T.P.) सन् 1972 से वैधानिक रूप से लागू किया है जबकि यह कानून सन् 1971 में ही पास हो गया था। इस धारा के अन्तर्गत (भारतीय अपराध संहिता) के अनुसार कोई मान्यता प्राप्त रजिटर्ड चिकित्सक तभी गर्भपात कर सकता है जब चिकित्सीय दृष्टि से गर्भपात करना आवश्यक हो। इसके अतिरिक्त यदि कोई चिकित्सक जो गर्भपात के लिए मान्यता प्राप्त नहीं हो और वह अवैधानिक रूप से गर्भपात करता है अथवा कोई अन्य पुरुष जो चिकित्सक नहीं है और गर्भपात की कुचेष्ट करता है, यहाँ तक कि स्वयं गर्भिणी भी अथवा उसके माता-पिता या पति आदि नजदीकी रिश्तेदार गर्भ गिराने की चेष्ट करते हैं तो उनको इन्डियन पैनल कोड (भारतीय अपराध संहिता) के अनुसार 3 वर्ष तक की कड़ी सजा अथवा जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

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