गर्भ गिराने की न्यायसंगत स्थितियाँ,garabh girane ki satithiyan

गर्भ गिराने की न्यायसंगत स्थितियाँ,garabh girane ki satithiyan

अत्यधिक वमन, हृदय रोग, रक्ताल्पता, अत्यधिक सन्तान होना, क्षय रोग, पेशाब में एल्ब्यूमिन (सफेदी अर्थात् मुर्गी के अण्डे की सफेदी की भाँति) आना, गर्भ का मर जाना, उपदंश रोग, शारीरिक आघात, वृक्क रोग, मानसिक आघात, गर्भाशय का कैन्सर, मधुमेह, वातकम्प रोग, विषैले अर्बुदे, उन्माद रोग, अर्द्ध-विक्षिप्त गर्भिणी, छोटा दूध पीता बच्चा होना और उसकी माँ का कमजोर होना, घातक उदर रोग, बलात्कार के कारण गर्भ स्थित हो जाना, परिवार कल्याण के साधन अपनाये जाने पर भी गर्भ ठहर जाना, अवयस्क कन्या के गर्भ ठहर जाना आदि ।

नोट-इस ग्रन्थ में गम्भीर किस्म के रोगों का उपचार अथवा गर्भपातं आदि के लिए किन्हीं भी योगों का प्रयोग अपने पारिवारिक रजिस्टर्ड चिकित्सक के परामर्शानुसार एवं उसकी देखरेखमें ही करें। किसी प्रकार की हानि हेतु लेखक अथवा प्रकाशक कतई जिम्मेदार नहीं हैं। इन रोगों का वृतान्त मात्र जानकारी एवं रजिस्टर्ड चिकित्सकों के ज्ञानार्थ ही लिखा गया है।

25-25 ग्राम की मात्रा में मैथी का विधिवत काढ़ा बनाकर (मैथी को तब तक मन्दाग्नि पर उबालें । जब तक कि वह कोकाकोला रंग की दिखाई न देने लगे। इसे बार-बार के पीने से ही 3-4 मास तक का गर्भ इस प्रयोग से आसानी से गिर जाता है।

काले तिल और 3 साल पुराना गुड़ का काढ़ा बनाकर पिलाने से भी 10-12 घंटे के बाद गर्भ गिरकर बच्चेदानी साफ हो जाती है।

50 से 100 ग्राम तक मैथी और 50 से 100 ग्राम तक गुड़ को पानी में पकाकर पीने से किसी भी कारण से रुका हुआ मासिकधर्म जारी हो जाता है। यदि स्वी गर्भवती हो तो उसका गर्भ गिर जाता है। अनुभूत योग है।

गाजर के बीज गुड़ के साथ पानी में पकाकर पिलाने से निश्चय ही रुका हुआ मासिकधर्म शुरू हो जाता है। गर्भवती सेवन करे तो उसका गर्भ गिर जाता है।

काले तिल, गाजर के बीज, चिरोंजी प्रत्येक 25-25 ग्राम लेकर कूट पीसकर कपड़छन कर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रखलें। आवश्यकतानुसार 3 से 6 ग्राम तक यह चूर्ण लगभग 3 वर्ष पुराने गुड़ के साथ सेवन कराने से गर्भपात हो जाता है तथा अन्य किसी भी कारण से बन्द हुआ मासिक धर्म खुल जाता है।

सौंठ 3 ग्राम, छिला हुआ लहसुन 15 ग्राम तथा जौ 250 ग्राम लेकर काढ़ा बनायें । जब जब 30 मि.ली. शेष रह जाए तब इसे उतारकर छानकर तथा ठण्डा करके (यह 1 मात्रा है) ऐसी 2 मात्राऐं दिन में 2 बार सेवन कराने से गर्भपात हो जाता है अथवा किसी भी कारण से रुका हुआ मासिकधर्म खुल जाता है ।

साँप की केंचुल को कड़वे तैल में भिगोकर इसकी धूनी योनि में देने से गर्भपात हो जाता है और बन्द मासिकधर्म प्रारम्भ हो जाता है।

पोटेशियम परमैगनेट चौथाई ग्रेन में पुराना गुड़ मिलाकर 1 गोली तैयार कर लें। ऐसी 1-1 मात्रा आवश्यकतानुसार दिन में 1-2 बार सेवन कराने से कैसा भी रुका हुआ मासिक धर्म हो, प्रारम्भ हो जाता है अथवा पोटेशियम परमैगनेट आधी से 2 मेन तक की गोली बनाकर भोजन के बाद निरन्तर 2-3 दिन तक सेवन करने से रुका हुआ मासिकधर्म चालू हो जाता है।

खाने वाली तम्बाकू, नौसादर, चूना सभी को बारीक-बारीक कर बत्तियाँ तैयार करलें । आवश्यकता पड़ने पर 1. बत्ती अरन्डी के तैल में भिगोकर स्वी की योनि में रखवा देने से कुछ ही देर के बाद मासिकधर्म जारी हो जाता है।स्वी को तेज शराब का सेवन करा देने से भी गर्भपात हो जाता है।

खाने का तम्बाकू, एलुवा, नौसादर और सीप का चूना सभी समान मात्रा में लेकर बारीक पीसकर बत्ती बनालें, तदुपरान्त इन बत्तियों को अरन्डी के तैल में तरकर के स्वी के योनि में रखवा देने से रजः शर्तिगा खुल जाता है। लगभग 1 घंटे पश्चात् ही बड़ी तेजी से मासिकधर्म आना प्रारम्भ हो जाएगा ।

20 ग्राम बथुआ का बीज 250 ग्राम जल में डालकर काढ़ा तैयार करें। जब चौथाई शेष बचे तब उतार लें। ऐसी 1 मात्रा प्रातःकाल खाली पेट 2-3 दिन तक पिलायें। निश्चय ही गर्भपात हो जाएगा अथवा किसी भी अन्य कारण से रुका हुआ मासिकधर्म चालू हो जाएगा ।

गाजर के बीज पानी में पीसकर 4-5 दिन पिलाने से रुका हुआ मासिकधर्म जारी हो जाता है।

रिसोचिन 2 टेबलेट (ऐलोपैथी की क्वीनीन की) बायर कम्पनी की 2 टिकिया ईरगाकेप या ईरगा टेब कैपसूल (ऐलोपैथिक औषधि) 2 कैपसूल अथवा पुष्पान्तक गोली 2 और अशोकारिष्ट 4 चम्मच तथा पुराना गुड़ (ऐसी 1-1 मात्रा 4 बार) सेवन करने से कैसा भी रुका हुआ मासिकधर्म चालू हो जाता है।

चौकिया सुहागा को तबे पर भूनकर (फुलाकर) प्रत्येक आधा घंटे के अन्तर से 4 ग्राम की मात्रा में 3-4 बार गरम. जल से सेवन कराने से गर्भपात हो जाता है।

पुराना गुड़ लेकर किसी बरतन में रखकर आग पर पकायें । जब गुड़ पकने लगे तब बहरोजा मिलाकर ठण्डा होने दें और फिर लम्बी-लम्बी बत्तियाँ तैयार कर लें। यह 1-1 बत्ती सुबह-शाम योनि में रखने से किसी भी कारण से रुका हुआ मासिकधर्म चालू हो जाता है।

किसी साफ-सुथरे मुलायम कपड़े अथवा रुई को कच्चे पपीते के दूध से तर करके एक बत्ती बनालें। इस बत्ती को गर्भाशय के मुख में रखने से किसी भी प्रकार से रुका हुआ मासिकधर्म चालू हो जाता है।

कबूतर की बीट पीसकर दिन में 3 बार शहद के साथ चाटने से गर्भपात हो जाता है। सफल अनुभूत योग है।

जायफल को पीसकर दूध में घोलकर स्त्री के पी लेने से गर्भपात हो जाता है।

आक के पत्तों का रस निकालकर उसमें कोई साफ-सुथरा कपड़ा अथवा रुई भिगोकर स्वी की योनि में रख देने से गर्भपात हो जाता है।करेले के पन्नों का अथवा इसकी जड़ का क्वाथ बनाकर स्वी को पिला देने से गर्भपात हो जाता है।

सीताफल के पत्ते और बीज पीसकर सेवन कराने से रुका हुआ मासिकधर्म चालू हो जाता है तथा गर्भ गिर जाता है।

अमरबेल का क्वाथ बनाकर पिलाने से गर्भपात हो जाता है।

मूली के बीज 6 ग्राम, पुराना गुड़ 20 ग्राम को कूट पीसकर आधा लिटर पानी में पकाकर दिन में 3-4 बार पिलाने से 3-4 दिन में मासिकधर्म जारी हो जाता है।

पिसा हुआ जीरा एक चौथाई पिला देने से गर्भपात हो जाता है। यदि शिशु पेट में मर गया हो तो, वह भी बाहर निकल आता है।

हौम्योपैथिक औषधि 'पल्सेटिला' एक लाख शक्ति (पोटेन्सी) की सेवन कराने के बाद 'सल्फर' 1 हजार शक्ति की सेवन करवा देने से गर्भपात हो जाता है।

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