कील-मुंहासे (Acne),pimples ,keel-muhase

(कील-मुंहासे (Acne),pimples ,keel-muhase
)
रोग परिचय-युवावस्था में होने वाला यह एक प्रकार का शोथयुक्त चर्म रोग है। यह प्रायः जवान (युवा) हो रहे युवक-युवतियों को ही होता है। इस रोगको मुख-दूषिका, युवा पिड़िका और वयोव्रण आदि नामों से भी जाना जाता है। यह 25-26 वर्ष की आयु में स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इनका स्वास्थ्य पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। मात्र चेहरा भद्दा (बुरा) लगता है। मुंहासों की कीलों को तोड़ने पर लेसदार गाढ़ी पीप निकलती है। यह रोग प्रायः अजीर्ण, रक्त में गरमी की अधिकता, रक्तदोष, गरम भोजन और पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन, बबासीर का रक्त आने, मासिकधर्म बन्द हो जाने आदि कारणों से हो जाता है। चिकने चर्म वाले मनुष्यों को यह अधिक होता है।

उपचार-रोगी धैर्यपूर्वक उपचार करें तथा पेट ठीक रखें, कब्ज न होने दें।

पाचन शक्ति बढ़ायें । आँतें साफ रखें। विटामिन ए. 50 से 65 हजार यूनिट तक प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद है। खेलकूद, व्यायाम, खुली वायु में सुबह- शाम भ्रमण करना, उचित आहार-विहार रखें। इस रोग में सूर्य की किरणें (अल्ट्रावायलेट) का भी असर लाभप्रद होता है।

• सब्जियाँ उबालकर खाना या उनका रस पीना लाभप्रद है।

• त्रिफला और मुलहठी मिलाकर 3-4 ग्राम खाते रहने से कब्ज दूर होव

कील-मुंहासे दूर हो जाते हैं।

• काले चने भुने हुए 6 ग्राम, मुर्दासंग 3 ग्राम और सफेदा काश्गरी 3 ग्राम को बकरी के दूध में पीसकर रात्रि को चेहरे पर मलकर प्रातःकाल चेहरा (मुख) गरम पानी से धोवें । यह प्रयोग भी कील मुंहासों को नष्ट कर देता है।

• पीली कौड़ियाँ एनामेल या शीशे की प्याली में डालकर नीबू का रस इतना डालें कि कौड़ियाँ डूब जाये। सात दिन में यह कौड़ियाँ गल जायेंगी। इनको पीसकर और कपड़े से छानकर रात्रि को मुख पर मलकर प्रातःकाल चेहरा धोने से चेहरा साफ हो जाता है। रोग पुराना हो तो साथ में सारिवाद्यासव और खदिरारिष्ट भी पियें।

• सख्त फुन्सियों जिनमें पीप न पड़ती हों उसमें बकरी की कलेजी खाना लाभप्रद है।

• काली मिर्च पीसकर मुंहासों पर लगाना लाभप्रद है।

• कैस्टर आयल (अंडी के तेल) में चने का आटा मिलाकर चेहरे पर मलना अत्यधिक लाभप्रद है।

• मसूर की दाल को बारीक पीसकर दूध में फेंटकर मुँह पर लगावें। थोड़ी देर बाद मुँह रगड़कर धो लें। यह प्रयोग सुबह-शाम करें। मात्र 5-7 दिनों में मुँहासे सदैव के लिए मिट जाऐंगे ।• नरकचूर के चूर्ण को पानी में पीसकर मुँहासों पर लेप करें।

• जायफल और काली मिर्च लें। दोनों को दूध में घिसकर मुँहासों पर लगाना गुणकारी है।

• सरसों और सेंधा नमक दोनों को नीबू के रस में घोटकर मुँहासों पर मलना लाभप्रद है।

• सफेद प्याज का अर्क 10 ग्राम, मधु 5 ग्राम, सेंधा नमक 1 ग्राम तीनों को मिलाकर छानलें। इसे लगाने से वे नष्ट हो जाते हैं। इस योग को नेत्रों में डालने से नेत्रों के अनेक रोग दूर हो जाते हैं। नेत्रों की सफेदी मिटती है और नेत्रों से पानी बहना बन्द हो जाता है।

• बादाम की गिरी बकरी के दूध में घिसकर मुंहासों पर लगाने से मुंहासे मिट जाते हैं।

• गधी का ताजा दूध लगाने से मुँहासे सदैव के लिए नष्ट हो जाते हैं।

• जिंक आक्साइड 20 ग्राम मक्खन में मिलाकर क्रीम बनाकर रात्रि में सोते समय मुँहासों पर लगाकर प्रातःकाल स्नान कर मुंह साफ कर लेने से 8 8 दिन मुँहासे नष्ट हो जाते हैं।

• छुहारे की गुठली सिरके में घिसकर मुंहासों पर लगायें। एक घंटा बाद साबुन से धो डालें । केवल 3-4 दिन के प्रयोग से मुँहासे नष्ट हो जाते हैं।

• नीबू का रस, रोगन बादाम और गिलेसरीन तीनों समभाग लेकर अच्छी तरह मिलाकर स्वच्छ शीशी में सुरक्षित रखलें। इस लोशन को प्रतिदिन चेहरे पर मलने से मुखमण्डल सुन्दर और मुलायम हो जाता है तथा निरन्तर प्रयोग से कील, छाइयाँ, मुँहासे नष्ट हो जाते हैं।

• अजवायन 30 ग्राम खूब बारीक पीसकर 3 से 25 ग्राम दही में घोटकर सोते समय रात्रि में मुखमण्डल पर लगाकर प्रातःकाल गरम पानी से धो डालने से 1 सप्ताह में मुंहासों में आशातीत लाभ प्राप्त हो जाता है।

• भुनी फिटकरी को समभाग काली मिर्च मिलाकर घोटदें। इसे पानी में घोलकर लगाने से मुँहासे और शरीर के किसी भी भाग के मस्से मिट जाते हैं। मस्सों को यह परम उपयोगी है। यदि कहीं से रक्त बहता हो तो इसे लगाने से वह भी बहना बन्द हो जाता है।

• चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए तगर और चिरौंजी को पीसकर उसमें मक्खन मिलाकर चेहरे पर उबटन की भाँति मलना लाभप्रद है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

आँख आना, अभिष्यन्द,गुहोरी,आंख पे फुंसी

चर्म की खुश्की, चर्म का खुरदरा हो जाना,dry skin,chamdi ki khuski

सफेद दाग,शरीर पर सफ़ेद घबे(Leucoderma)