आँख दुखना एवं आँखों के अन्य विभिन्न रोग/eye treatment/ankh ke rogon ka upchar


आँख दुखना एवं आँखों के अन्य विभिन्न रोग/eye treatment/ankh ke rogon ka upchar 


रोग परिचय- इस रोग से प्रायः सभी परिचित हैं। इस रोग में आँखें लाल

हो जाती है, सूज जाती हैं, उनमें सख्त दर्द होता है, पानी बहता रहता है जो बाद में गाढ़े स्राव के रूप में बदल जाता है। रोगी धूप या प्रकाश बर्दाश्त नहीं कर पाता है। रात्रि में सोने पर नींद के कारण आँखें चिपककर बन्द हो जाती हैं जिसके कारण सोकर उठने पर प्रातःकाल बहुत कष्ट होता है। पीप पड़ जाने पर आँख का ढेला गलने लग जाता है।

उपचार

मैला-कुचैला हाथ या कपड़ा आँख पर कदापि न लगायें। आँखों से पानी बहने पर 15 ग्राम पिसी हल्दी 250 मि.ली. पानी में घोलकर उसमें कोई मलमल का साफ सफेद कपड़ा रंगकर उससे बार-बार आँखों को पोंछना तथा दबाते रहना लाभप्रद है।

• त्रिफला (हरड़ा, बहेड़ा, आँवला समभाग) का चूर्ण 3 ग्राम को 25 मि.ली. पानी में भिगोकर रातभर पड़ा रहने दें। प्रातः काल इस निथरे हुए पानी से साफ कपड़े की गद्दी तर करके आँखों पर रखने और इस पानी से आँखें धोने से दर्द, पानी बहना, लाली और आँखें चिपक जाने को आराम आ जाता है ।• डाक्टरों वाली रुई का पैड बनाकर दूध में भिगोकर रात को सोते समय आँखों पर रखकर नरमी से पट्टी बांध देने से शोथ और दर्द को आराम आ जाता है।

• कब्ज होने पर हरड़ का मुरब्बा अथवा कोई अन्य हानिरहित कब्जनाशक औषधि सेवन कर कब्ज को अवश्य दूर करें ।

• यदि रोगी ताकतवर हो, उसकी आँख में रक्त की अधिकता के कारण जिस ओर की आँख में दर्द हो उस ओर की कनपटी पर 3-4 जोंक लगाकर रक्त निकाल देना भी अत्यन्त लाभकारी है।

• सूर्योदय से पूर्व आँखों में बरगद (बड़) का दूध डालें। तुरन्त आँखों का दर्द मिट जाता है। एक पत्ता तोड़कर 2-3 बूँद प्राप्त किया जा सकता है।

रीठे के छिलके को पानी में चन्दन की भाँति घिसकर रात को सोते समय सलाई से लगाने से आँख का फूला कट जाता है।

फिटकरी 5 ग्राम, अर्क गुलाब 200 ग्राम लें। फिटकरी को बारीक पीसकर गुलाब जल से मिला लें। उसकी 2-3 बूंद दिन में कई बार आँखों में डालने से आँख दुखना सही हो जाती है।

• माजूफल और छोटी हरड़ दोनों को पानी में घिसकर नेत्रों में लगाने से नेत्रों की खुजली दूर हो जाती है।

• बढ़िया मिश्री 100 ग्राम, नीलाथोथा 4 ग्रेन लें। मिश्री को खूब बारीक पीसकर फिर इसमें नीलाथोथा डालकर घुटाई करें। जब सुरमा बन जाये, तब कपड़छन कर शीशी में सुरक्षित रखलें। इस सुरमें की 3-3 सलाई सुबह-शाम आँख में लगाने से आँख से बहते हुए पानी की धारा रुक जाती है। यह प्रयोग इतना चमत्कारिक है कि इसको लगाकर कोई मनुष्य किसी प्रियजन की मृत्यु पर रोना भी चाहे, तब भी उसके आंसू नहीं नहीं निकलेंगे ।

• यदि आँखों में दर्द, खुजली, जाला हो अथवा मोतियाबिन्दु उतरना प्रारम्भहो गया हो तो प्रतिदिन प्रातः काल गाय का ताजा मूत्र 2-3 बूंद आँखों में डालें। मोतियबिन्दु बिना आप्रेशन के कट जाता है चमत्कारिक योग है।

नौसादर को पीसकर कपड़छन कर लें। उसे प्रतिदिन आँखों में लगाने से आँख का फूला कट जाता है।

जंगली कबूतर की बीट पानी में घिसकर आँखों में लगाते रहने से आँखों का जाला कट जाता है।

• सफेद साठी (पुनर्नवा) की जड़ को पानी में घिसकर नेत्रों में लगाने से नेत्र का जाला कट जाता है।• समुद्रफेन और सोना मक्खी को दोनों को समभाग लें। कूटपीस व कपड़छन सुरमें की भांति आँखों में लगाने से आँख का फूला कट जाता है।

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