भूसी सिर की खुश्की (Dandruff)walon ki sikri sir ki khuski
रोग परिचय- पोषक तत्वों की कमी- विशेषतः स्निग्ध आहार का अभाव
अथवा सिर के बालों में बहुत अधिक दिनों तक तैल मालिश न करने से और अल्कोहल मिश्रित या मिलावटी सस्ते किस्म के बाजारू तैल का अधिकता से प्रयोग करने, वृद्धावस्था आदि कारणों से सिर की त्वचा में शुष्कता उत्पन्न होकर भूसी निकलने लगती है। जिससे आयः सभी परिचित हैं।
उपचार
• भृंगराज तैल को सिर के बाल और उसकी त्वचा पर दिन में 2 बार मालिश करने से भूसी (रूसी) निकलना, बाल झड़ना, बाल सफेद होना, सिर में छोटी-छोटी फुन्सियों होना इत्यादि रोग नष्ट हो जाते हैं।
• नीबू का रस निकाल कर गरम पानी में मिलाकर सिर में डालकर मलें इस प्रयोग को प्रतिदिन 2-4 दिन करने से खुश्की या रूसी हट जाएगी और बाल कोमल हो जायेंगे ।
• जात्यादि तैल (शारंगधर संहिता) शैम्पू से बालों को धोकर व सुखाकर बालों की जड़ों व त्वचा पर मलें। लाभप्रद है। निर्माता (वैद्यनाथ)
• महा भृंगराज तैल (भैषज्य रत्नावली) इसे दिन में 2 बार बालों की जड़ों व त्वचा में मलना भी अत्यधिक लाभकारी है।
• हिमसागर तैल (भैषज्य रत्ना.) इसे दिन में 1-2 बार सूखे बालों की जड़ों तथा त्वचा पर मलें । लाभप्रद है। (निर्माता वैद्यनाथ)
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