जम-जूं या लीखें, जुऐं, डींगर,head lice,ju,housing,deengar ka ilaj

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रोग परिचय-इन्हें अंग्रेजी में 'लाइस' या 'पेडिकुलोसिस' के नाम से जाना जाता है। बालों को गन्दा रखने (नित्य प्रति धो पोंछकर स्वच्छ न रखने तथा उनमें कंघी न करेने) उत्तम क्वालिटी का तैल प्रयोग न करने आदि कारणों से तथा जुओं वाले व्यक्ति के सम्पर्क (पास में लेटने-बैठने से) या उसके व्यवहार में आए हुए वस्त्रों के प्रयोग करने से या उससे सिर को पोंछने से बालों में जुऐं और उसके अण्डे पैदा हो जाते हैं। यही जब बालों से झड़कर वस्व या शरीर के अन्य भाग की त्वचा पर अपना निवास बना लेती है तो उसको (चीलर) के नाम से जाना जाता है।

उपचार

• सरसों के तैल 20 ग्राम में 25 ग्राम नीबू का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार मालिश करने से जम-जूं नष्ट हो जाती हैं।

• नारियल का तैल 50 मि.ली., 1 ग्राम, कपूर और 1 ग्राम एक्सटेक्ट मार्गोसा (नीम का सत्व) को आपस में खूब भली प्रकार मिलाकर दिन में 3 बार जड़ वाली त्वचा पर लगाकर कपड़े से बाँध दें। दस घंटे बाद किसी उत्तम शैम्पू से सिर को धोकर सुखालें, फिर कंधी करके मरी हुई जुऐ निकाल लें ।

• बालों और सिर की त्वचा में विशुद्ध नीम का तैल लगाकर मलें तदुपरान्त किसी कपड़े से बालों को बाँध दें। 10 घंटे तक रखने के पश्चात् स्नान कर बालों को साफ करने से जुओं का रोग नष्ट हो जाता है।

• नारियल के तैल में कपूर और लहसुन पीस कर व मिलाकर प्रयोग करने से जुऐं नष्ट हो जाती हैं।

• शरीफा के बीज की गिरी को पीसकर जल में मिलालें और बालों की जड़ों में मालिश करने के 10 घंटे बाद साबुन से बालों को धोकर व सुखाकर कंघी से मरी हुई जुओं को निकालें। औषधि आँखों में न लगने पाये। हानिप्रद है।

• रीठा के वक्कल 25 ग्राम को 200 मि.ली. जल में 12 घंटे तक भिगोकर छानलें और फेन चलाकर बालों की जड़ों में लगाकर मलें। छः घंटे बाद शैम्पू से बालों को साफ करलें इस प्रयोग से भी जुऐं नष्ट हो जाती हैं।

• 250 ग्राम सूखे आँवला को जल में 12 घंटे तक भिगोकर इस काले द्रव में लहसुन का 10 ग्राम मिलाकर, छानकर जुओं के स्थान पर लगाना अत्यधिक लाभकारी है।

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