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पाचन तन्त्र, हाजमा,मल प्रणाली

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                               (अंकोल के फायदे)               (अजीर्णनाशक प्रमुख पेटेनट आयुर्वेदीय योग  ) डाइजेस्टीन टेबलेट (मार्त्ड) मन्दाग्नि टेबलेट (झन्डू) झन्डूजाइम  टेबलेट (झन्डू) मंदाग्नि टेबलेट (झन्डू) शुक्तिन टेबलेट (अलारसिन) गारलिक  पिल्स (चरक) ओजस टेवलेट (चरक) सर्टिना टेबलेट (चरक) पाचक वटी  (वैद्यनाथ) हाजमोला (डाबर) अग्नि बल्लभ क्षार चूर्ण (धन्बन्तरि) गैसनोल  (गर्ग) अगिनिदीपक चूर्ण (भजनाश्रम) डाइजेस्टीन टेबलेट (राजवैध शीतल प्रसाद)  गैसेक्स (हिमालय) आदि में से किसी का भी प्रयोग औषधि के साथ प्राप्त पत्रक  तथा आयु के अनुसार मात्रा का निर्धारण कर सेवन करें। शंखवटी (धन्वन्तरि फार्मेसी)  अग्निमूख चूर्ण (धन्वन्तरि फार्मेंसी) लवण भास्कर चूर्ण (धन्बवन्तरि फार्मेसी) तथा  ग्राइप मबु (ध-बन्तरि फार्मेसी) (बच्चों शिशुओं के लिए) यकृत भोजन पेय खट्टा  व मीठा (धन्बनतरि फार्मंसी) इत्यादि का सेवन अजीर्ण, उदरशूल, इत्यादि समस्त...

digestive systyam

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                                                         प ाचन सकती दुरुस्त करने के ऊपाये।                                      प्रथम खण्ड अजीर्ण (digestive  system) रोग परिचय- अजीर्ण रोग प्रायः: साथारण सा रोग समझा जाता है, किन्तु  याद रखिये कि यंदि किसी रोगी को यह रोग अत्यन्त पुराना हो गया हो तो उसे  शनैः शनै: (थीरे-थीरे)मृत्यु की ओर ढकेलने वाला भी साबित हो सकता हैं । उसमें कोईंदो  ाय अथवा अतिशयोक्ति नहीं  साधारण सी बोलचाल में अजीर्ण का सींधा  सा अर्थ होता है- -पाचन किया अर्थात खाया पीया हज्य न होना । इसी रोग को  न  अतिनिमांच तथा मन्दागिन के नामॉं से भी जाना जाता है  घरेल उपचार  चिनक (चीता) के मूल का महीन चूर्ण क्रके सुरत रख लें। इसे  .  4-4 रती की मात्रमें  नित्य प्र...