स्तनों का ढीला हो जाना,brest saging,satan dheele hona

(स्तनों का ढीला हो जाना,brest saging,satan dheele hona)

रोग परिचय-यह रोग शरीर में कफ की अधिकता, स्तनों का बहुत अधिक

हिलना-डुलना, स्तनों को बार-बार और अधिक खींचना, अत्यधिक सन्तान होना, स्वी का बॉडी न पीहनना, शिशु को अधिक समय तक दूध पिलाना इत्यादि कारणों से स्वी के स्तन युवावस्था में ही ढीले होकर लटक जाते हैं।

उपचार सफेद रत्तियां, कसीस, चुनिया गोंद 1-1 तोला मिलाकर स्तनों पर लेप करके उपलों की आग से सेंक करें। मात्र 8-10 दिन के इस प्रयोग से स्तन कठोर हो जाते हैं।

फिटकरी, काफूर 1-1 तोला अनार का छिलका 3 तोला को पीस-छानकर आवश्यकतानुसार स्तनों पर पतला-पतला लेप करना भी लाभप्रद है।

• कच्चे आम (जो चने के आकार के हों) बबूल की बिल्कुल कच्ची फलियाँ, इमली के बीजों की गिरी, अनार का छिलका लें। सभी को छाया में सुखाकर बारीक पीसलें। फिर इसमें डेढ़ तोला घी तथा 5 तोला खांड मिलाकर हलवा बना लें और 40 दिनों तक प्रतिदिन सुबह-शाम खायें। इसके सेवन से ढीले स्तन कठोर हो जाते हैं तथा गर्भाशय से पानी आना भी बन्द हो जाता है। गर्भाशय और स्तन जवान स्त्रियों की भांति हो जाते हैं।

रोगिणी हर समय बाड़ी पहने तथा कफ और वातकारी भोजन न खायें ।

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